डिंडौरी
डिंडौरी आजादी के 77 वर्ष पूर्ण होने को है फिर भी इस आदिवासी जिले में आज भी आमजन मूलभूत सुविधाओं से कोसो दूर।आखिर क्यों है ?क्या ग्रामीणों की समस्या कोई समस्या नहीं या इनको होने बाली परेशानियों से किसी को कोई मतलब नहीं?
ना राजनेताओं की हुई मेहरबानी और ना ही प्रशासन का
यहां ग्रामीण सिर्फ और सिर्फ बोट बैंकिंग के लिए है? जो चुनाब के दौरान बोट के लिए जाते है क्या उन जन प्रतिनिधियों को उनका दुख दर्द से कोई लेना देना नही? या फिर ठीक उस तरह जैसे टीसू पेपर का उपयोग कर डेस्टविन डाल दिया जाता है वैसे ही इन ग्रामीणों को चुनाव के दौरान बोट मांग ने जाने वाले जन प्रतिनिधियों को बोट लेने के बाद उनके समस्याओं को भूल जाना एक सवाल है। जहां आज भी लोग सड़क के लिए मोहताज है जबकि प्रधान मंत्री सड़क योजना से आज हर जगह मकड़े की जल की तरह फैला हुआ जगह जगह सड़क का निर्माण चल रहा है।लोगो को आवागमन में कोई भी असुविधा न हो जिसके लिए शासन प्रशासन निरंतर प्रयास में है फिर भी लोग आज बहुत समय से शासकीय योजनाओं से वंचित है जैसे सड़क निर्माण,नल जल योजना जिले भर में अनेक ग्राम ऐसे है जहां कुछ ना कुछ सुविधा आज भी ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है
आखिर क्यों नहीं पहुंच पाई राजनेता एवं प्रशासन तक उनकी आवाज
ग्रामीणों का कहना है की हम लोगो के द्वारा निरंतर प्रयास किया जा रहा है की जिस मूल भूत सुबिधाओ से हम वंचित है।वह सुविधा हमे मुहैया कराई जाए जिसके लिए हमारे द्वारा जन प्रतिनिधियों को भी इस बात से अवगत कराया गया लेकिन आज तक किसी ने हम ग्रामीणों की बात पर गौर नही फरमाया हम जिन समस्याओं से जूझ रहे है किसी को भी कोई लेना देना नही है।क्योंकि अभी विधान सभा और लोक सभा के दौरान केनबासी में आए जन प्रतिनिधियों के सामने भी हम समस्त ग्रामीणों ने अपनी वंचित मूलभूत सुविधाओं से अवगत कराया और उनके द्वारा आश्वासन दिया गया था पर आज तक लौटकर किसी ने हमारी सुध नहीं ली।
जनपद डिंडौरी अंतर्गत ग्राम पंचायत बरगई के पोषक ग्राम फड़की में आजादी के 76 वर्ष बाद भी वहां के ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं यह हम नहीं वहां की सच्ची तस्वीर एवं वहां के ग्रामीण के दिए गए दर्द भरे बयान कह रहे हैं कि आखिर उनके कितनी पीढ़ी बीतने के बावजूद भी मूलभूत सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा ?क्या उनकी जिंदगी इसी तरह कट जाएगी ?कभी उन पर भी उन जनप्रतिनिधियां की नजर पड़ेगी जो उन ग्रामीणों के एक-एक बोट से चुने जाते हैं ? क्या शासन के द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ उनको भी मिल पाएगा ?इस तरह से उन ग्रामीणों के दिल में अनेक सवाल उठ रहे हैं शासन के द्वारा ग्रामीण विकास परियोजना के तहत अनेक योजनाएं संचालित किए गए हैं, ताकि ग्रामीणों का संपूर्ण विकास हो सके
जनपद डिंडौरी अंतर्गत ग्राम पंचायत बरगई के पोषक ग्राम फड़की का मामला
पर आखिर उन परियोजना की नजर फड़की के ग्रामीणों पर क्यों नहीं पड़ी क्या ग्राम फड़की परियोजना से बाहर तो नहीं ? ग्रामीणों का कहना है कि उनको शासन के द्वारा संचालित इमरजेंसी सेवा का भी लाभ रोड ना होने की चलते नहीं मिल पा रहा है उनको खासी परेशानी का सामना बरसात के दिनों में उठाना पड़ता है जब किसी व्यक्ति की अचानक तबीयत खराब हो जाता है और इमरजेंसी सेवा ग्राम तक उपलब्ध न होने के कारण मरीजों को 3 किलोमीटर पैदल चला कर या जन सहयोग से किसी तरह उठाकर ले जाना पड़ता है तब कहीं वाहन की सुविधा उपलब्ध हो पाता है ग्राम में पीने के पानी भी उपलब्ध नहीं हो पाता है उन पर भी ग्रामीणों का दर्द झलका ,जब पीने के पानी के लिए भी उनको रतजगा करना पड़ता है रात-रात जाकर पीने के लिए पानी एकत्रित करते हैं तब जाकर उनको पानी उपलब्ध हो पता है
ग्राम फड़की तक नहीं बना सुगम रास्ता
ग्रामीणों का कहना है की पीढ़ी दर पीढ़ी यहां वे लोग रहते चले आ रहे हैं पर आज तक उनके ग्राम तक एक ऐसा रास्ता नहीं बन पाया जिससे वे आसानी से रात हो चाहे दिन हो बेधड़क आना जाना कर सकें बरसात के दिनों में तो उन्हें खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है क्योंकि पूरा रास्ता कीचड़ से भरा पड़ा रहता है
शासन की इमरजेंसी सेवा का भी नहीं मिल पा रहा लाभ
इमरजेंसी सेवा के बारे में जानकारी लेने पर ग्रामीणों ने बतलाया कि गर्मी के दिनों में तो व्यक्ति कहीं से भी आना जाना कर सकता है पर बारिश के दिनों में रोड कीचड़ युक्त होने से आने-जाने में परेशानी तो होती ही है साथ ही इमरजेंसी सेवा का भी लाभ उनको नहीं मिल पाता है अगर बारिश के दिनों में किसी की स्वास्थ्य खराब हो जाता है तो उनको मरीज को या तो पैदल चला कर ले जाना पड़ता है या फिर जन सहयोग से कंधे में या अन्य व्यवस्था कर रोड तक ले जाना पड़ता है तब जाकर वाहन की व्यवस्था हो पाती है
पीने के पानी की भी है समस्या
ग्रामीणों ने दर्द भरी दास्तां में पीने के पानी की समस्या को भी इतनी गंभीर बतलाई कि उनको पीने के पानी के लिए भी काफी मशक्कत करना पड़ता है उनको रात-रात भर जाकर पीने के लिए पानी की व्यवस्था करना पड़ता है
ग्रामीणों ने शासन एवं प्रशासन से मूलभूत सुविधा रोड ,पानी ,लाइट की व्यवस्था कराए जाने की मांग की है
दीपक कुमार यादव, ग्रामीण बरगई यहां रोड सबसे बड़ी समस्या है छात्र-छात्राओं को स्कूल आने-जाने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है रोड ना होने से इमरजेंसी सेवा भी ग्राम तक उपलब्ध नहीं हो पता है मरीज को 2 किलोमीटर पैदल ले जाना पड़ता है जिससे मरीज को परेशानी होता है पीने का पानी भी यहां उपलब्ध नहीं है जिससे रात भर जागकर पीने के पानी की व्यवस्था करने ग्रामीण मजबूर है
गोपाल, ग्रामीण बरगई सभी रोड अधूरा है रोड ना होने से यहां के ग्रामीणों को बड़ी समस्या होती है रोड ना होने से यहां से सोसायटी भी छोटे से मोहल्ला तालाब टोला पहुंचा दिया गया