पंचांग के अनुसार, 02 जुलाई को योगिनी एकादशी व्रत किया जाएगा। एकादशी तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है। इस तिथि पर श्री हरि और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही पापों से मुक्ति पाने के लिए व्रत भी किया जाता है।
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 01 जुलाई को सुबह 10 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 02 जुलाई को सुबह 08 बजकर 42 मिनट पर पर होगा। ऐसे में 02 जुलाई को योगिनी एकादशी व्रत किया जाएगा।
योगिनी एकादशी पूजा विधि
योगिनी एकादशी के दिन ब्रह्म बेला में उठकर घर की साफ-सफाई करें।
इसके पश्चात स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें, क्योंकि श्री हरि को पीला रंग प्रिय है।
अब मंदिर की सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें।
भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा विराजमान करें।
अब उन्हें चंदन और हल्दी कुमकुम से तिलक लगाएं और मां लक्ष्मी को श्रृंगार की चीजें अर्पित करें।
इसके बाद देशी घी का दीपक जलाकर आरती करें और विष्णु चालीसा का पाठ करें।
पूजा के दौरान श्री हरि के मंत्रों का जप करना फलदायी होता है।
अंत में फल, पंचामृत का भोग लगाएं। भोग में तुलसी दल को अवश्य शामिल
लोगों में प्रसाद का वितरण करें।
इन मंत्रों का करें जप
विष्णु गायत्री मंत्र
ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥
विष्णु मंगल मंत्र
मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥