बिलासपुर
वीकेंड पर घूमने फिरने वालों के लिए सबसे लाजवाब मौसम है। बादलों की बेरुखी से लोग नाराज हो गए थे। किसान भी चिंतित थे। आखिरकार इंद्रदेव ने पुकार सुन ली। शनिवार सुबह से बिलासपुर में हल्की-हल्की वर्षा होती रही। दोपहर को एकाएक झमाझम शुरू हो गई। खेती की दृष्टी से यह लाभदायक है।
मिट्टी में नमी पहुंचने के बाद ही किसान बुआई कर सकेंगे। बता दें कि गुरुवार रात को 12 मिलीमीटर वर्षा हुई जो किसानों के कोई काम की नहीं थी। जिले के कई तहसील अब भी सूखे की चपेट में है, हालांकि इस बरसात से काफी फायदा मिलेगा। यह लगातार जारी रहना चाहिए।
मौसम विभाग का अनुमान है कि रवि की दोपहर तक मौसम ऐसे ही बना रहेगा। इस खबर के बाद से वीकेंड पर घूमने फिरने वालों की चांदी हो गई है। गर्मी के बीच काफी महीनों बाद यह दृश्य देखने को मिल रहा है। बिलासपुर के आसपास जंगल और पर्यटन स्थलों की ओर लोग कूच करेंगे। ओवरआल इस मौसम को देख सभी के चेहरे पर खुशी है।
आसमान में बादलों की अठखेलियां जारी रहीं। लोगों की निगाहें आसमान पर टिकी हैं कि बादल दिनभर कभी रिमझिम तो कभी तेज बरसते रहे, इससे गर्मी काफी हद तक दूर हो गई है। एक दिन पहले शुक्रवार शाम को आसमान में काली घटाएं छा गईं। ऐसा लगा जैसे बादल खूब बरसेंगे, लेकिन यह सिर्फ एक दृश्य मात्र था। बारिश नहीं हुई और लोगों की उम्मीदें अधूरी रह गईं। जो आज सुबह पूरी होती दिखी।
प्रदेश में 30 जून को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज-चमक के साथ छींटें पड़ने की संभावना है। एक दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ भारी वर्षा होने, वज्रपात होने तथा अंधड़ चलने की संभावना है। अधिकतम तापमान में गिरावट संभावित है। भारी वर्षा का क्षेत्र मुख्यतः मध्य छत्तीसगढ़ रहने की संभावना है।
तापमान में गिरावट संभावित
मौसम विशेषज्ञ अब्दुल सिराज खान का कहना है कि एक दिन पहले दिन का अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जिसमें आज गिरावट संभावित है। पारा 30 डिग्री सेल्सियस के नीचे जा सकता है। मौसम का तेवर अभी एक सप्ताह तक ऐसे ही बना रहेगा। धीरे-धीरे वर्षा की गतिविधियों में वृद्धि होगी।
एक जून से अब तक वर्षा
तहसील वर्षा (मिलीमीटर) बिलासपुर (शहर) 201 बिल्हा 91.8 मस्तूरी 113.5 तखतपुर 100 कोटा 146.4 सीपत 124.6 बेलतरा 81.8 रतनपुर 96.7