उमरिया
जून के आखिरी दिन सफारी के साथ ही प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व के गेट भी पर्यटकों के लिए बंद कर दिए गए। अब 1 जुलाई से बंद रहेंगे नेशनल पार्क, पार्क के कोर जोन में अब तीन महीने तक पर्यटकों की मौजूदगी दिखाई नहीं देखी। पार्क बंद होने से बाघों और वन्य प्राणियों को एकांतवास का आनंद मिल सकेगा। इस दौरान बांधवगढ़ सहित प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व के बफर में सफारी जारी रहेगी और बफर में घूमने वाले पर्यटक वर्षाकाल में भी सफारी कर सकेंगे।
बाघ और बाघिन हो जाते हैं ज्यादा खूंखार
बाघों का संसर्ग काल वर्षाकाल में बाघ-बाघिन साथ रहते हैं। इस दौरान बाघ और बाघिन ज्यादा खूंखार हो जाते हैं। यही कारण है कि उनके एकांत में पर्यटकों की वजह से खलल न पड़े इसलिए पार्क बंद कर दिया जाते हैं। जंगल के अंदर कच्चे रास्तों पर पर्यटकों के वाहन चलते हैं। वर्षा के दौरान कच्चे रास्ते वाहनों के लिए अनुकूल नहीं रहते। जंगल के अंदर वाहनों के कच्चे रास्तों में फंसने से किसी तरह का कोई हादसा न हो जाए इसका भी भय बना रहता है। यह भी एक कारण है कि वर्षाकाल में जंगल के अंदर सफारी नहीं कराई जाती और पर्यटन को बंद कर दिया जाता है।
सात लाख से ज्यादा पर्यटकों ने किए बाघ के दीदार
प्रदेश के छह टाइगर रिजर्व में पिछले नौ महीने के अंदर सात लाख से ज्यादा पर्यटकों ने बाघों का दीदार किया। इसमें साढ़े चार लाख से ज्यादा पर्यटक बांधवगढ़, कान्हा और पेंच पहुंचे। सतपुड़ा, पन्ना और संजय धुबरी पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या साढ़े तीन लाख के आसपास रही। खास बात यह है कि इनमें विदेशी पर्यटकों की संख्या उन्नीस हजार के आसपास रही। अब सभी टाइगर रिजर्व एक अक्टूबर को पर्यटकों के लिए खोले जाएंगे।