राजनीती

नए अपराध कानूनों पर भड़के मनीष तिवारी और चिदंबरम बोले ‘भारत को ‘पुलिस स्टेट’ बनाने की कोशिश’

नई दिल्ली

आज पूरे देश में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो हो रहे हैं. कानून की यह संहिताएं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), भारतीय न्याय संहिता (BNS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) हैं. नए कानूनों में कुछ धाराएं हटा दी गई हैं तो कुछ नई धाराएं जोड़ी भी गई हैं. कानून में नई धाराएं शामिल होने के बाद पुलिस, वकील और अदालतों के साथ-साथ आम लोगों के कामकाज में भी काफी बदलाव आ जाएगा.

नए कानूनों के लागू होने पर सियासत भी जारी है और विपक्ष ने इन कानूनों का विरोध किया है. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ट्वीट करके भारतीय न्याय संहिता के तीनों कानूनों को तुरंत रोकने की मांग की है. उन्होंने कहा ये पुलिसिया स्टेट की नींव डाली जा रही है. नए क्रिमिनल कानून भारत को वेलफेयर स्टेट से पुलिस स्टेट बनाने की नींव रखेंगे. उन्होंने कहा कि संसद में इन कानूनों पर फिर से चर्चा हो उसके बाद ही कोई फैसला लिया जाए.

चिदंबरम का पोस्ट
वहीं कांग्रेस नेता और पू
र्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने पोस्ट करते हुए लिखा, 'आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने वाले तीन आपराधिक कानून आज से लागू हो गए हैं. 90-99 प्रतिशत तथाकथित नए कानून कट, कॉपी और पेस्ट का काम हैं. एक ऐसा काम जो मौजूदा तीन कानूनों में कुछ संशोधनों के साथ पूरा किया जा सकता था, उसे बेकार की कवायद में बदल दिया गया है. हां, नए कानूनों में कुछ सुधार हैं और हमने उनका स्वागत किया है. उन्हें संशोधन के रूप में पेश किया जा सकता था.'

चिदंबरम ने कहा, 'कुछ बदलाव प्रथम दृष्टया असंवैधानिक हैं. स्थायी समिति के सदस्य रहे सांसदों ने प्रावधानों पर गहन विचार-विमर्श किया है और तीनों विधेयकों पर विस्तृत असहमति नोट लिखे हैं. सरकार ने असहमति नोटों में की गई किसी भी आलोचना का खंडन या उत्तर नहीं दिया. संसद में कोई सार्थक बहस नहीं हुई. कानूनविदों, बार एसोसिएशनों, न्यायाधीशों और वकीलों ने कई लेखों और सेमिनारों में तीन नए कानूनों की गंभीर कमियों की ओर इशारा किया है. लेकिन सरकार ने इन सवालों का कोई जवाब नहीं दिया.'

ओवैसी ने पोस्ट किया अपना पुराना वीडियो

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के मुखिया और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपना पुराना वीडियो एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा,'तीन नए आपराधिक कानून आज से लागू हो जाएंगे. इनके क्रियान्वयन में बड़ी समस्याओं के बावजूद सरकार ने इनके समाधान के लिए कुछ नहीं किया है. ये वे मुद्दे थे जिन्हें मैंने इनके लागू होने का विरोध करने के लिए उठाया था.'

किरन बेदी और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने किया स्वागत
वहीं पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल और पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने कहा, "इससे मुझे जो सबसे बड़ा लाभ दिखाई देता है, वह यह है कि इससे जवाबदेही, पारदर्शिता, टेक्नोलॉजी, पीड़ितों के अधिकार, अदालतों में त्वरित सुनवाई, अभियुक्तों के अधिकारों के लिए पुलिस को पुनः प्रशिक्षित किया जा रहा है…"

बॉम्बे हाईकोर्ट  के मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय ने रविवार को परिवर्तन का विरोध करने की स्वाभाविक मानवीय प्रवृत्ति को रेखांकित किया, साथ ही इस बात पर जोर भी दिया कि नये आपराधिक कानूनों का स्वागत किया जाना चाहिए और उन्हें बदली हुई मानसिकता के साथ लागू किया जाना चाहिए.

जस्टिस उपाध्याय ने कहा, ‘परिवर्तन का विरोध करना या अपनी आराम तलबी से बाहर आने को नापसंद करना हमारी स्वाभाविक प्रवृत्ति है. यह अज्ञात का भय है जो इस प्रतिरोध का कारण बनता है और हमारे तर्क को प्रभावित करता है.एक युग से दूसरे युग में प्रवेश के दौरान शुरुआती परेशानियां आनी तय है. हम बदलाव के दौर में हैं. आज के बाद हमारे पास आपराधिक कानूनों की एक नयी व्यवस्था होगी जिसके लिए सभी हितधारकों की ओर से बहुत अधिक तैयारी की आवश्यकता होगी.’

इन मामलों पर नहीं पड़ेगा कोई असर
आपको बता दें कि आज से देश भर में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो रहे हैं, जो भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव लाएंगे और औपनिवेशिक युग के कानूनों को समाप्त करेंगे. भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम क्रमशः ब्रिटिश युग के भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे.

वे मामले जो एक जुलाई से पहले दर्ज हुए हैं, उनकी जांच और ट्रायल पर नए कानून का कोई असर नहीं होगा. एक जुलाई से सारे अपराध नए कानून के तहत दर्ज होंगे. अदालतों में पुराने मामले पुराने कानून के तहत ही सुने जाएंगे. नए मामलों की नए कानून के दायरे में ही जांच और सुनवाई होगी. अपराधों के लिए प्रचलित धाराएं अब बदल चुकी हैं, इसलिए अदालत, पुलिस और प्रशासन को भी नई धाराओं का अध्ययन करना होगा.

About the author

Satyam Tiwari

जनसम्पर्क विभाग – आरएसएस फीड

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com