इंदौर
इंदौर जिले के मल्हारगंज स्थित श्री युगपुरुष धाम अनाथ आश्रम में दो दिन के अंदर सात बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। इनमें से दो बच्चों की मौत हो गई। वहीं, 5 अन्य बच्चों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बताया जा रहा है कि बीमार पड़े बच्चों के खून में इंफेक्शन मिला है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि बच्चों में किस तरह का इंफेक्शन मिला है। फिलहाल आश्रम के कर्ताधर्ताओं ने पांच बच्चों को मंगलवार सुबह अस्पताल भेजा है। इन बच्चों को अलग-अलग जिलों से लाकर आश्रम को सौंपा गयाा था।
मल्हारगंज पुलिस के मुताबिक, आश्रम में रहने वाले 12 वर्षीय बच्चे करण बच्चे की सोमवार को तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई, जबकि मंगलवार को 7 वर्षीय आकाश की भी मौत की जानकारी सामने आई है। वहीं 5 अन्य बच्चों को आश्रम द्वारा एमवाई अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया है।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, बच्चों के खून में किसी तरह का इंफेक्शन होने की बात सामने आ रही है। इस मामले में मल्हारगंज पुलिस को जानकारी दे दी गई है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
मृतकोंं में शामिल सोनकच्छ के रहने वाले करण को 15 महीने पहले चाइल्ड हेल्पलाइन के माध्यम से आश्रम में लाया गया था। वहीं नर्मदापुरम निवासी आकाश को 3 महीने पहले चाइल्ड हेल्पलाइन ने आश्रम को सौंपा था।
चाचा नेहरू अस्पताल पहुंचे कलेक्टर
इसके बाद एक बच्चे की मौत रात में हुई। दूसरे बच्चे ने मंगलवार सुबह दम तोड़ दिया। बच्चों की मौत की सूचना पर इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह चाचा नेहरू अस्पताल पहुंचे।
खून में संक्रमण से बीमार होने की आशंका
जानकारी मिली है कि बच्चों के खून में संक्रमण के कारण तबीयत बिगड़ी है। बच्चों को एमवाय अस्पताल से चाचा नेहरू अस्पताल उपचार के लिए रेफर किया गया।
मप्र के अलग-अलग जिलों के हैं बच्चे
आश्रम में मप्र के अलग-अलग जिलों से लाए गए बच्चों को रखा गया है। मल्हारगंज पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 12 वर्षीय करण की सोमवार को अस्वस्थ होने के बाद मौत हो गई।
पुलिस भी कर रही मामले की जांच
इसके बाद आज सुबह सात वर्षीय आकाश नामक बच्चे की भी मौत हो गई। बच्चों की मौत के बाद पुलिस भी इस मामले की जांच कर रही है। बच्चों की मौत के बाद आश्रम प्रबंधन ने बाल कल्याण समिति को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी है।
यह भी हो सकता है कारण
इंदौर कलेक्टर के अनुसार बच्चों की मौत डायरिया अथवा डिहाइड्रेशन और मिर्गी जैसी बीमारी से होने की आशंका है, लेकिन पूरी जांच के बाद ही स्पष्ट कारण पता चल सकेगा। कलेक्टर ने दो बच्चों की मौत की पुष्टि की है। उनके अनुसार एक बच्चे की मौत मिर्गी से होने का पता चला है।
मानसिक दिव्यांग बच्चों को रखा जाता है आश्रम में
शहर के पंचकुइया इलाके के इस आश्रम में मानसिक दिव्यांग बच्चों को रखा जाता है। इस आश्रम में वर्तमान में 200 से अधिक बच्चे हैं। इनमें 100 से अधिक बालक और इतनी ही बालिकाएं हैं। इस आश्रम की शुरुआत वर्ष 2006 में की गई थी। स्वामी परमानंद गिरी के सानिध्य में यह आश्रम संचालित होता है।
मां का नाम प्राचार्य और पिता का नाम आश्रम सचिव के नाम पर
पता चला है कि इस आश्रम में सभी बच्चों के पिता का नाम आश्रम के सचिव तुलसी शादीजा के नाम पर और मां का नाम प्राचार्य अनीता के नाम पर है। सभी के उपनाम स्वामीजी के नाम पर परमानंद ही रखे गए हैं।