हाथरस
हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में मंगलवार को हुए हादसे ने हर किसी को झकझोर दिया है। हालांकि इसके बारे में अफसरों को पहले ही चेताया गया था। इसके बाद भी कोई एक्शन न लिया गया और इतना बड़ा हादसा हो गया। सत्संग में जरूरत से ज्यादा पहुंची भीड़ को देखकर एलआईयू ने अफसरों को सौंपी रिपोर्ट में किसी बड़ी घटना होने का अंदेशा जता दिया था, लेकिन इसके बाद भी अफसर मौन साधे बैठे रहे और श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई, जिसमें 107 श्रद्धालुओं की जान चली गई। हादसे के बाद अफसर चेते और मौके लिए रवाना हो गए। वहीं सीएम योगी ने भी घटना को संज्ञान में लेते हुए अफसरों से रिपोर्ट तलब कर ली है।
मंगलवार को सिंकरामऊ कोतवाली क्षेत्र के फुलराई गांव में भोले बाबा साकार हरि के सत्संग का आयोजन किया गया था। हालांकि इस सत्संग के आयोजन की जानकारी प्रशासन को थी, लेकिन सत्संग में पहुंचे श्रद्धालुओं की संख्या कुछ और बताई गई थी। लेकिन सत्संग में जरूरत ज्यादा करीब सवा लाख श्रद्धालु पहुंच गए। सत्संग में पहुंचे श्रद्धालुओं की संख्या को देखकर एलआईयू ने किसी बड़ी घटना का अंदेशा जताया और इसकी रिपोर्ट बनाकर अफसरों को सौंप दी। इसके बाद भी अफसरों ने संज्ञान नहीं लिया। इस बीच भीषण गर्मी के चलते सत्संग में पहुंचे श्रद्धालुओं की धीरे-धीरे तबीयत बिगड़नी शुरू हो गई।
तीन घंटे तक चले इस सत्संग में देखते ही देखते कई श्रद्धालु बेहोश होकर गिर गए। जैसे ही सत्संग खत्म हुआ तो श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई। भगदड़़ में महिलाओं, बच्चों समेत कई लोग दब गए। श्रद्धालुओं के पैरों के नीचे दबकर 107 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। जैसे ही भगदड़ और श्रद्धालुओं की इतनी तादाद में मरने की खबर अफसरों को लगी तो फौरन मौके की तरफ दौड़ पड़े।
सीएम योगी ने हाथरस हादसे को संज्ञान में लेते हुए तुरंत अफसरों को मौके पर पहुचंने के निर्देश दिए। साथ ही सीएम योगी ने एडीजी आगरा जोन और अलीगढ़ की कमिश्नर को हादसे की संयुक्त जांच की रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए। सीएम का आदेश पाते ही चीफ सेक्रेटरी से लेकर एडीजी, कमिश्नर मौके लिए रवाना हो गए।