इंदौर
इंदौर के मल्हारगंज स्थित श्री युगपुरुष धाम में चार बच्चों की मृत्यु हो गई है। बताया जा रहा है कि बच्चों के खून में इन्फेक्शन मिला है। 29 बच्चों को भर्ती किया है। मंगलवार सुबह जैसे ही यह मामला सामने आया प्रशान में हड़कंप मच गया। तुरंत सभी बच्चों को चाचा नेहरु अस्पताल में भर्ती करवाया गया। यहां पर रहने वाले अधिकांश बच्चे अनाथ हैं।
प्रारंभिक जांच में अधिकारियों ने बताया है कि जिन चार बच्चों की मौत हुई है उनमें से दो को मिर्गी आती थी। अन्य दो की मौत के पीछे ब्लड इन्फेक्शन और फूड पायजनिंग की आशंका जताई है। मृत बच्चों के नाम शुभम उर्फ करण, आकाश, शुभ और छोटा गोविंद है। सभी की उम्र 5 से 15 साल के बीच है। 12 साल का करण देवास जिले के सोनकच्छ का रहने वाला था। इसे 15 महीने पहले चाइल्ड लाइन के माध्यम से आश्रम में लाया गया था। जबकि, नर्मदापुरम जिले का रहने वाला सात साल के आकाश को चाइल्ड लाइन ने तीन महीने पहले आश्रम को सौंपा था। अधिकतर बच्चों को यहां पर चाइल्ड लाइन के माध्यम से ही लाया जाता है।
मल्हारगंज पुलिस के मुताबिक 12 साल के करण की सोमवार को तबीयत बिगड़ी और मौत हो गई इसके बाद मंगलवार सुबह सात साल के आकाश ने दम तोड़ दिया। आश्रम के सेवादारों का कहना है कि सबसे पहले आश्रम में कृष्णा को इंफेक्शन हुआ था लेकिन वह स्वस्थ हो गया। इसके बाद अन्य बच्चों की हालत बिगड़ने लगी लेकिन वह स्वस्थ नहीं हो पाए।
मप्र के कई जिलों के बच्चे पढ़ रहे यहां
यहां पर मध्यप्रदेश के कई जिलों से आए बच्चे पढ़ाई करते हैं। इन्हें अलग-अलग जिलों से लाकर आश्रम को सौंपा गया था। आश्रम 2006 में 78 दिव्यांग बच्चों से शुरू हुआ था। यहां फिलहाल 217 मानसिक दिव्यांग बच्चे (101 बालक और 116 बालिकाएं) हैं।
कलेक्टर बोले जांच के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी
कलेक्टर आशीष सिंह के मुताबिक दो बच्चों की मौत हुई है। डायरिया या डीहाइड्रेशन से एक मौत की आशंका है। जांच के बाद ही पूरी तरह से स्थिति साफ हो पाएगी। कलेक्टर ने घटनास्थल पर तैनात मल्हारगंज एसडीएम ओमप्रकाश बड़कुल को भी हटा दिया है। बड़कुल इस संवेदनशील विषय पर ड्यूटी के दौरान ठहाके लगा रहे थे। उनका वीडियो वायरल हुआ था।
चौथी मौत के बाद अधिकारियों की घबराहट बढ़ी
सुबह दो बच्चों की मौत के बाद प्रशासन का कहना था कि दोनों ही बच्चे पहले से बीमार थे और उन्हें फिट आने की समस्या थी। दोपहर 12 बजे तक तीसरे बच्चे और शाम 4 बजे तक चौथे बच्चे की मौत के बाद अधिकारियों की घबराहट बढ़ने लगी। चौथी मौत के बाद प्रशासन ने हर बच्चे का चेकअप कराने का फैसला किया। कलेक्टर के निर्देश MHY और चाचा नेहरू अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीमें आश्रम भेजी गईं। कलेक्टर खुद भी मौजूद रहे। बता दें कि आश्रम में 204 बच्चे थे, जिनमें 27 से ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
इंदौर के पंचकुइया रोड स्थित श्री युगपुरुष धाम आश्रम में मानसिक दिव्यांग बच्चों को रखा जाता है। यहां अलग-अलग जिलों से बच्चों को चाइल्ड लाइन या अन्य माध्यम से सौंपा जाता है। सरकारी रिकॉर्ड में सभी बच्चों के साथ मां का नाम डॉ. अनिता शर्मा लिखा हुआ है। जो बच्चे 10-15 साल पहले आए थे, इन्हीं में से 18 बेटियां एक-एक बच्चे की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। युगपुरुष स्वामी परमानंदगिरि महाराज के सान्निध्य में यह आश्रम संचालित हो रहा है। सभी की मां का नाम प्राचार्य अनिता के नाम पर और पिता की जगह आश्रम के सचिव तुलसी शादीजा का नाम लिखा गया है। सभी बच्चों के सरनेम स्वामीजी के नाम पर परमानंद रखे गए हैं।
आईसीयू में पहले से भर्ती बच्चों को शिफ्ट किया
चाचा नेहरू अस्पताल में जब बच्चों को ले जाया गया तो वहां पहले से भर्ती कुछ बच्चों को नीचे के वार्ड में शिफ्ट किया गया। बताया जा रहा है कि पहले से आईसीयू में भर्ती जिन बच्चों की तबियत में सुधार था उन्हें नीचे शिफ्ट किया है। डाक्टर्स को संक्रमित बच्चों की संख्या अधिक होने की वजह से ऐसा करना पड़ा।
बच्चों की मौत की जांच में हंसते रहे अधिकारी
बच्चों की मौत की जानकारी मिलते ही जांच के लिए SDM ओमप्रकाश बड़कुल खुद मौके पर पहुंचे। यहां वे मासूमों की मौत की कार्रवाई करने के बजाय आश्रम संचालिका अनिता शर्मा के साथ हंसी-मजाक करते नजर आए। इसका एक वीडियो वायरल हो रहा है। कलेक्टर ने बड़कुल को हटा दिया है।