मुंबई
स्मार्टफोन, रेफ्रिजरेटर, वियरेबल्स और टू-व्हीलर बनाने वाली कंपनियों को आजकल सांस लेने की फुर्सत नहीं है। उनका कहना है कि वे आगामी त्योहारी सीजन के लिए पिछले साल की तुलना में 20% तक अधिक इन्वेंट्री का उत्पादन कर रही हैं। उन्हें अच्छे मानसून और महंगाई में स्थिरता के कारण इस फेस्टिव सीजन मांग में सुधार की उम्मीद है। फेस्टिव सीजन के दौरान देश में सबसे ज्यादा खरीदारी होती है। ज्यादातर कंपनियों ने कहा कि वे इस महीने से 100% उत्पादन शुरू करने जा रही हैं। सितंबर में ओणम के लिए उत्पादन पहले ही शुरू हो चुका है। मौसम विभाग ने जून-सितंबर में सामान्य से अधिक मॉनसून रहने का अनुमान लगाया है।
गोदरेज अप्लायंसेज के बिजनेस हेड कमल नंदी ने कहा कि ग्रामीण भारत में पेंट-अप डिमांड है, जो मॉनसून से और बढ़ जाएगी। वहां के लोगों ने पिछले पांच साल में बहुत कुछ नहीं खरीदा है जबकि शहरों में प्रीमियमाइजेशन का चलन मजबूत बना हुआ है। इंडस्ट्री को उम्मीद है कि इस साल त्योहारी सीजन में बिक्री कोविड के बाद से सबसे अच्छी होगी। इलेक्ट्रॉनिक्स और दोपहिया वाहनों में कम से कम एंट्री लेवल पर बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। इस दिवाली स्मार्टफोन की बिक्री 2021 के बराबर पहुंचने की उम्मीद है जब लॉकडाउन के कारण बढ़ी मांग से रिकॉर्ड बिक्री हुई थी।
मॉनसून की चाल
मॉनसून के सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है। इससे कृषि उत्पादन और ग्रामीण आय में सुधार की उम्मीदें बढ़ गई हैं। दोपहिया वाहन निर्माताओं का कहना है कि अगर त्योहारी मांग उम्मीद के मुताबिक रही तो उद्योग वित्त वर्ष 2019 के 21 मिलियन यूनिट के रेकॉर्ड को पार कर सकता है। लेकिन हाई बेस के कारण जून तिमाही में कारों की बिक्री की ग्रोथ धीमी रही। लेकिन त्योहारी सीजन के दौरान इसमें तेजी की उम्मीद है। उद्योग का अनुमान है कि अप्रैल-जून की तुलना में सितंबर तिमाही में कारों, सेडान और यूटिलिटी गाड़ियों का उत्पादन 10% तक बढ़ने की संभावना है।
इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने वाली कंपनियां पहले से ही 100% क्षमता पर संयंत्र चला रहे हैं। इस उद्योग को इस साल वॉल्यूम में 14-18% साल-दर-साल वृद्धि की उम्मीद है। त्योहारी सीजन सितंबर में ओणम से शुरू होता है और अक्टूबर-नवंबर में नवरात्रि से लेकर दिवाली तक चलता है। देश में अधिकांश बिक्री इसी दौरान होती है। कई कैटगरी में इस दौरान सालाना बिक्री का 30-35% हिस्सा होता है। पिछली कुछ तिमाहियों में एपेरल, स्मार्टफोन, टेलीविजन और कारों की बिक्री की रफ्तार धीमी रही है।