नई दिल्ली
केंद्र की मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में बुलाए गए संसद के पहले सत्र के दौरान लोकसभा में 105 और राज्यसभा में 100 प्रतिशत से ज्यादा कामकाज हुआ है। संसदीय कार्य मंत्रालय के मुताबिक, 18वीं लोकसभा के लिए आम चुनाव के पश्चात, लोकसभा का पहला सत्र 24 जून और राज्यसभा का 264 वां सत्र 27 जून से शुरू हुआ। मंगलवार को लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। जबकि, राज्यसभा को बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया। लोकसभा में पहले दो दिन विशेष रूप से 18वीं लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण हुआ। सत्र के दौरान कुल 542 में से 539 नवनिर्वाचित सांसदों ने संसद सदस्यता की शपथ ली।
26 जून को लोकसभा के अध्यक्ष का चुनाव हुआ, जिसमें ओम बिरला को ध्वनिमत से दूसरी बार अध्यक्ष चुना गया। उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में अपने मंत्रिपरिषद का परिचय भी कराया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने परंपरा और संविधान के अनुच्छेद-87 के तहत 27 जून को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित किया।
अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति ने मोदी सरकार के 10 वर्षों की उपलब्धियों का जिक्र किया और साथ ही सरकार के भविष्य के एजेंडे को भी सामने रखा। पीएम मोदी ने 27 जून को राज्यसभा में अपने मंत्रिपरिषद का परिचय भी कराया। दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा 28 जून से शुरू होनी थी। लेकिन, लोकसभा में हंगामे के कारण इस पर चर्चा 1 जुलाई को शुरू हो पाई।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भाजपा की तरफ से लोकसभा में चर्चा की शुरुआत की। बांसुरी स्वराज ने लोकसभा में चर्चा का समर्थन किया। कुल 68 सांसदों ने लोकसभा की चर्चा में हिस्सा लिया। जबकि, 50 से अधिक सांसदों ने सदन के पटल पर अपने भाषण रखे। 2 जुलाई को 18 घंटे से अधिक की चर्चा के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए तमाम सवालों का जवाब भी दिया और साथ ही राहुल गांधी और कांग्रेस पर जमकर निशाना भी साधा।
लोकसभा में लगभग 34 घंटे की 7 बैठकें हुईं और एक दिन के हंगामे और व्यवधान के बावजूद लोकसभा में उत्पादकता की दर 105 प्रतिशत रही। वहीं, राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत 28 जून को भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने की, जिसका समर्थन सांसद कविता पाटीदार ने किया। कुल मिलाकर 76 सांसदों ने 21 घंटे से अधिक की चर्चा में भाग लिया, जिसका जवाब प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में दिया। राज्यसभा में कामकाज की कुल उत्पादकता दर 100 प्रतिशत से ज्यादा रही।