मनेन्द्रगढ़
बिना सुरक्षा उपकरण के काम कर रहे सफाईकर्मी, उनकी सेहत सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.इस सम्बन्ध में भाजपा के पूर्व महामंत्री रामचरित द्विवेदी ने रोष जताते हुए कहा कि नगरपालिका को गरीब सफाई कर्मचारियों की सेहत के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। उन्हें समय-समय पर रैनकोट,मास्क गलब्स व जूते दिए जाने चाहिए जिससे कि वह गंभीर बीमारियों से बच सके.
जिला मुख्यालय मनेन्द्रगढ़ में स्वच्छता अभियान के तहत शहर को साफ व स्वच्छ बनाने के लिए नगर पालिका ने शहर के हर वार्ड में सफाई कर्मचारी तैनात कर रखे हैं। लेकिन अधिकारियों की अनदेखी के कारण यह सफाईकर्मी बिना सुरक्षा उपकरण के शहर की गंदगी को साफ कर रहे हैं। विभाग द्वारा सुरक्षा के पर्याप्त उपकरण नहीं मिलने के कारण सफाईकर्मियों में गंभीर बीमारी लगने का भय हर समय-समय बना रहता है।अभी जबकि वर्षाकाल चल रहा है. सफाई कर्मचारियों को रेनकोट दिया जाना चाहिए, लेकिन उन्हें रेनकोट नहीं दिया जाए जिसके चलते बरसते पानी में साफ सफाई करने की उनकी मजबूरी बनी हुई है.
हर में स्वच्छता के लिए नगर पालिका के 54 सफाई कर्मचारी व 102 प्लेसमेंट कर्मचारी कार्यरत हैं जो जरूरी संसाधनों के बिना ही शहर को साफ व स्वच्छ बनाने का काम कर रहे हैं, लेकिन विभाग द्वारा इन कर्मचारियों को बदबू से बचाव के लिए न मॉस्क दिया गया है और न हीं समय पर रैनकोट,जूते और ग्लब्स दिए गए हैं । ये लोग जो कपड़े पहनकर घर से निकलते है और शहर का कचरा साफ कर उन्हीं कपड़ों में घर लौट जाते हैं। जिसके कारण गंदगी के संक्रमित कीटाणु इनके घरों तक पहुंच जाते हैं।
गुरुवार को शहर के बीचोबीच से गुजरने वाले गंदे नाले की साफ-सफाई के दौरान नाले में उतरे सफाई कर्मचारियों के पास ना तो जूते थे और ना ही उनके हाथों पर ग्लब्स लगे थे और न हीं मुंह पर मास्क और न वे रेनकोट पहने थे.ऐसे में गरीब सुरक्षा कर्मचारियों की सेहत के साथ नगर पालिका व प्रशासन द्वारा खिलवाड़ किया जा रहा है।इस सम्बन्ध में द्विवेदी ने रोष जताते हुए कहा कि नगरपालिका को गरीब सफाई कर्मचारियों की सेहत के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। उन्हें समय-समय पर मास्क ,गलब्स व जूते दिए जाने चाहिए जिससे कि वह गंभीर बीमारियों से बच सके।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि शहर की गंदगी को साफ करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए मास्क, दस्ताने, एप्रिन, कैप, बूट सहित अन्य उपकरण दिए जाने चाहिए, लेकिन नगर पालिका की अनदेखी से शहर में कार्यरत किसी भी सफाई कर्मचारी को सामान समय पर नहीं दिया जाता। जबकि नपा के पास पर्याप्त बजट है।