नई दिल्ली
अग्निवीर के शहीदों को दिए जाने वाले मुआवजे को लेकर केंद्र सरकार और विपक्ष आमने-सामने है। अब पंजाब के शहीद अग्निवीर अजय कुमार के परिवार ने साफ किया है कि उन्हें 98 लाख रुपये तो मिले हैं, लेकिन मुआवजे की रकम अजय कुमार की जगह नहीं ले सकती है। शहीद अजय के पिता ने अग्निवीर योजना को खत्म करने की भी मांग की और कहा कि हमें पेंशन व कैंटीन कार्ड भी मिलना चाहिए।
मीडिया से बात करते हुए शहीद अजय की बहन ने यही मांग की। उन्होंने कहा कि मेरे भाई ने चार साल की नौकरी के लिए अपनी जान गंवा दी। सरकार एक करोड़ रुपये देने का वादा करती है, क्या कोई परिवार केवल उस राशि से जिंदा रह सकता है? उन्होंने भी अग्निवीर योजना का फिर से मूल्यांकन करने की मांग की। उन्होंने कहा, ''सरकार ने हमें पैसे दिए, लेकिन हम चाहते हैं कि योजना को बंद किया जाए।'' बता दें कि अग्निवीर योजना को केंद्र सरकार ने 2022 में लागू किया था। इसके तहत युवाओं को चार साल के लिए सेना में काम करने का अवसर मिलता है। योजना की शुरुआत से ही कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष इसे वापस लेने की मांग करता रहा है। संसद में राहुल गांधी भी कई बार यह मुद्दा उठा चुके हैं। शहीद अजय के परिवार ने यह माना कि उनके परिवार को 98 लाख रुपये मिले थे, लेकिन सेना की ओर से सिर्फ 48 लाख रुपये ही प्राप्त हुए। बता दें कि सेना ने बयान जारी करके कहा था कि अजय के परिवार को उनकी ओर से 98.39 लाख रुपये मिल चुके हैं।
बीती रात भारतीय सेना ने एक बयान जारी करके उन दावों का खंडन किया था कि शहीद के परिवार को मुआवजा नहीं मिला। सेना का यह बयान कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के उस एक्स पर किए गए पोस्ट के बाद आया था, जिसमें उन्होंने शहीद के परिवार के हवाले से बताया था कि उन्हें मुआवजा नहीं मिला। सेना ने अपने बयान में पुष्टि की है कि अजय कुमार के परिवार को कुल 98.39 लाख रुपये दिए हैं। सेना ने बयान में कहा, "इस बात पर जोर दिया जाता है कि भारतीय सेना अग्निवीर अजय कुमार द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान को सलाम करती है। देय कुल राशि में से अग्निवीर अजय के परिवार को पहले ही 98.39 लाख का भुगतान किया जा चुका है। अग्निवीर योजना के प्रावधानों के अनुसार लागू लगभग 67 लाख की अनुग्रह राशि और अन्य लाभ पुलिस सत्यापन के तुरंत बाद अंतिम खाता निपटान पर भुगतान किए जाएंगे। कुल राशि लगभग 1.65 करोड़ होगी।"