हाथरस
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी शुक्रवार सुबह हाथरस पहुंचे. यहं उन्होंने भगदड़ पीड़ित से मुलाकात की. उन्होंने इससे पहले अलीगढ़ पहुंचकर भी पीड़ितों से मुलाकात की थी.
उन्होंने हाथरस के ग्रीन पार्क में पीड़ितों से मुलाकात की. सभी पीड़ित इसी पार्क में इकट्ठा हुए थे. वह भगदड़ में जान गंवा चुकी मुन्नी देवी और आशा देवी के साथ घायल माया देवी से मिले. ये सभी हाथरस के नवीपुर खुर्द के रहने वाले हैं.
राहुल गांधी इस हादसे में दम तोड़ चुकी ओमवती के परिवार के लोगों से भी मिले. बता दें कि इस हादसे में जान गंवाने वालों में हाथरस जिले के बीस और शहर के दस लोग शामिल हैं.
राहुल गांधी ने क्या कहा?
हाथरस पीड़ितों से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि बहुत परिवारों को नुकसान हुआ है, बहुत लोगों की मौत हुई है. मैं इसको राजनीतिक प्रिज्म से नहीं कहना चाहता हूं. मगर प्रशासन की कमी तो है, गलतियां तो हुई हैं. ये पता लगाया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि लेकिन सबसे जरूरी बात ये है कि मुआवजा सही मिलना चाहिए क्योंकि ये गरीब परिवार हैं और मुश्किल का समय है इनके लिए. तो मुआवजा ज्यादा से ज्यादा मिलना चाहिए.
उन्होंने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से कहना चाहता हूं कि पीड़ितों को दिल खोलकर मुआवजा देना चाहिए. ये गरीब लोग है, इनको पैसे की जरूरत है. अगर पैसा एक साल बाद देंगे तो इसका कोई फायदा नहीं होगा. वहां पुलिस की तरफ से व्यवस्था सही नहीं थी, ऐसा परिवार वालों ने बताया है. जो चिंता की बता है.
राहुल गांधी शुक्रवार सुबह अलीगढ़ के पिलखना गांव पहुंचे थे, जहां उन्होंने यहां प्रेमवती के परिवार और शांति देवी के बेटे से मुलाकात की. राहुल गांधी पिलखना गांव के जिस घर पहुंचे थे, वहां हाथरस भगदड़ में घायल हो चुके दो पीड़ित परिवार के लोग भी मौजूद थे.
राहुल गांधी ने पीड़ित परिवारों से क्या कहा?
राहुल गांधी ने अलीगढ़ पहुंचकर पीड़ितों को आश्वासन दिया है कि वह संसद में इस मामले को उठाएंगे और उन्हें न्याय दिलाने की कोशिश करेंगे.
अलीगढ़ में एक पीड़ित परिवार की सदस्य ने बताया कि राहुल गांधी ने हमें मदद का आश्वासन दिया था. उन्होंने कहा कि पार्टी के माध्यम से हमारी पूरी मदद की जाएगी. उन्होंने हमसे पूरी घटना के बारे में पूछा कि घटना कैसे हुई थी.
अलीगढ़ में भगदड़ पीड़ितों ने क्या कहा?
राहुल गांधी ने अलीगढ़ के पिलखना गांव पहुंचकर हाथरस की भगदड़ में दम तोड़ चुकी प्रेमवती की बहू सोनिया से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद सोनिया ने आज तक को बताया कि मेरी सास में अंधविश्वास भरा हुआ था. अब अंधविश्वास का पर्दा हट गया. वो भगवान होता तो क्या अपने भक्तों को नहीं बचाता? हमने अपनी सास की मौत के बाद बाबा की फोटो उठाकर फेंक दी है.
हाथरस में 3 पीड़ित परिवारों से मिलेंगे राहुल गांधी
राहुल अलीगढ़ से सीधे हाथरस पहुंचेंगे, जहां वह तीन पीड़ित परिवारो से मिलेंगे. वह हाथरस भगदड़ में जान गंवा चुकीं मुन्नी देवी और आशा देवी के साथ घायल माया देवी के परिवार से भी मुलाकात करेंगे. बता दें कि मुन्नी देवी और आशा देवी हाथरस के नवीपुर खुर्द की रहने वाली हैं.
वह इस हादसे में जान गंवा चुकी मुन्नी देवी, आशा देवी और घायल माया देवी के परिवार से मिलेंगे. वह जिला अस्पताल में भर्ती हैं. राहुल गांधी के इस दौरे को लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.
उत्तर प्रदेश के हाथरस में इस सप्ताह की शुरुआत में एक धार्मिक आयोजन में भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई थी. मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. इस घटना में स्वयंभू भगवान 'भोले बाबा' उर्फ नारायण साकार हरि की ओर से एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था.
आयोजन समिति से जुड़े छह लोग गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश पुलिस ने गुरुवार को कार्यक्रम की आयोजन समिति से जुड़े छह लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस की आंतरिक जांच रिपोर्ट में प्रबंधन और सुरक्षा प्रोटोकॉल में गंभीर खामियों को पता चला है.
मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर पर 1 लाख का इनाम
हाथरस हादसे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में आईजी शलभ माथुर ने कहा कि मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर पर एक लाख का इनाम रखा गया है. पुलिस जल्द ही कोर्ट से उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करवाएगी. आईजी ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो भोले बाबा से पूछताछ की जाएगी. बाबा का रोल सामने आया, तो उसके खिलाफ करवाई की जाएगी.
हालांकि FIR में भोले बाबा का नाम नहीं है. लेकिन भोले बाबा के अपराधिक इतिहास की जानकारी जुटाई जा रही है. उनके फॉलोअर्स हर शहर में हैं, ऐसे में कई शहरों में पुलिस की टीमें लगी हुई हैं. बाबा ने नौकरी से वीआरएस लिया था, न्यायिक आयोग इसमें प्रशासनिक लापरवाही की जांच करेगा.
आईजी ने कहा कि जिन आरोपियों को पूछताछ के बाद अरेस्ट किया गया है, वह आयोजन समिति के मेंबर हैं. आरोपी घटना के बाद मौके से फरार हो गए थे. पुलिस ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें 2 महिलाएं शामिल हैं. आरोपी खुद ही क्राउड मैनेजमेंट का काम करते थे. इस काम के लिए प्रशासन का हस्तक्षेप इन्हें स्वीकार नहीं था.
वहीं, जिला मजिस्ट्रेट आशीष कुमार ने कहा कि भगदड़ के बाद 21 शवों को आगरा, 28 को एटा, 34 को हाथरस और 38 को अलीगढ़ ले जाया गया. उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को हाथरस त्रासदी की जांच के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया, जो इस संभावना की भी जांच कर रहा है कि भगदड़ के पीछे कोई साजिश थी. पैनल दो महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा.