सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है
सर्पदंश से घबराएं नहीं एक घंटे के अंदर एंटीवेनम इंजेक्शन लगवाएं- कलेक्टर
कलेक्टर ने दी सर्पदंश से बचाव एवं उपचार की सलाह
शहडोल
वर्तमान में बारिश होने के साथ वातावरण में लगातार तापमान अधिक रहता है। साँप तथा अन्य जीव-जंतुओं के छिपने के स्थानों में पानी भर जाने के कारण उनका सतह पर विचरण शुरू हो जाता है। इसलिए बारिश में साँप एवं अन्य जहरीले जंतुओं के काटने की घटनाएं होती हैं। कलेक्टर श्री तरूण भटनागर ने शहडोल जिले के नागरिको को सर्पदंश से बचाव तथा उपचार की सलाह दी है। उन्होंने ने कहा है कि साँप काटने के बाद एक घण्टे की अवधि में सही उपचार होने पर पीड़ित की जान आसानी से बचाई जा सकती है। साँप काटने के तत्काल बाद निकट के अस्पताल जाकर एक घण्टे के भीतर एंटीवेनम इंजेक्शन लगवाएं। यह इंजेक्शन शहडोल जिले के सभी विकासखण्डों तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं जिला अस्पताल में उपलब्ध है। समय पर इंजेक्शन लगने पर जान का खतरा समाप्त हो जाता है। कलेक्टर ने कहा है कि साँप काटने के स्थान पर तीखी जलन होती है।
पीड़ित को अवसाद, उल्टी आना, लकवा तथा आँख की पुतलियों के फैल जाने के लक्षण दिखाई देते हैं। विष का प्रकोप होने के बाद पीड़ित में माँसपेसियों में ऐंठन और चेतनाहीनता हो जाती है, कई बार साँप के काटने के स्थान पर सूजन आ जाती है तथा काटा हुआ स्थान काला पड़ जाता है। साँप काटने के बाद हाथ पैरों में झनझनाहट, चक्कर आना, पसीना छूटना, दम घुटना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। सर्पदंश के बाद तत्काल अस्पताल जाकर पीड़ित का उपचार कराएं तथा झाड़फूक करने वालों के चक्कर में पड़कर समय न गवाएं। सर्पदंश से पीड़ित के काटने के स्थान से थोड़ा ऊपर हल्की पट्टी बांधे। काटने के स्थान पर चीरा भी न लगाएं इससे संक्रमण का खतरा रहता है।
उन्होंने ने कहा है कि सर्पदंश तथा अन्य जहरीले कीड़ों के काटने से बचने के लिए कुएं, अंधेरे गड्ढे, झाड़ियों आदि में हाथ न डालें। घर से बाहर निकलते समय जूते अवश्य पहनें। ठंडे, अंधेरे और नम स्थानों में साँप छिपते हैं, ऐसे स्थानों में जाने से बचें। सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।