भोपाल
मध्य प्रदेश में पिछले 5 साल से मौसम आधारित उद्यानिकी फसलों का बीमा नहीं किया जा रहा है। प्रतिवर्ष प्रदेश के तीन लाख 46 हजार से अधिक किसान फसल बीमा से वंचित रह जाते हैं। यह स्थिति तब है जब सरकार खेती से आय बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने में लगी है। जबकि महाराष्ट्र जैसे राज्यों में किसानों को उद्यानिकी फसलों के बीमा कवरेज की व्यवस्था की गई है। वहीं, मप्र में वर्ष 2019 -20 से वर्ष 2023-24 तक फसलों का बीमा नहीं किया गया है। शुक्रवार को विधानसभा में पूर्व मंत्री व विधायक अर्चना चिटनीस ने उद्यानिकी फसलों का बीमा किए जाने का प्रश्न उठाया। उन्होंने कहा कि 5 साल से फसलों का बीमा क्यों नहीं किया जा रहा है।
मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने बताया ये कारण
जवाब में उद्यानिकी मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने बताया कि जल्द बीमा कराने का प्रयास कर रहे हैं, इसके लिए अर्चना चिटनीस भी दिल्ली गई थीं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 से रबी 2022-23 के लिए छह बार टेंडर जारी किए गए थे, लेकिन दरें अधिक आने के कारण योजना का क्रियान्वयन नहीं किया जा सका। रबी 2022-23 से रबी 20223-24 के लिए निविदा आमंत्रित की गई, लेकिन एक ही निविदा प्राप्त होने के कारण निविदा नहीं खोली गई। खरीफ 2023-24 से रबी 2025-26 के लिए निविदा आमंत्रित की गई, लेकिन विभाग द्वारा केंद्र सरकार के नए दिशा-निर्देशानुसार आगामी कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए केंद्र से भी बात करके शीघ्र फसल बीमा कराने का प्रयास करेंगे।
16.41 लाख किसानों ने योजना का लिया था लाभ
बता दें कि वर्ष 2015 से 2019 तक मध्य प्रदेश के 21 लाख 31 हजार 919 किसानों फसल बीमा के लिए पंजीयन कराया था। इसमें से 16 लाख 41 हजार 685 किसानों ने उद्यानिकी फसल बीमा योजना का लाभ लिया। इसके बाद से बीमा बंद है।