नई दिल्ली
भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो अपने गगनयान मिशन की तैयारी में जुटी है। ये भारत का पहला मानव युक्त अंतरिक्ष मिशन है। गगनयान मिशन के लिए चार एस्ट्रोनॉट को ट्रेनिंग दी गई है। इन चार में से दो एस्ट्रोनॉट को इस साल के अंत में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर भेजने के लिए चुना गया है। ये मिशन अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के साथ मिलकर पूरा किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक इन दो एस्ट्रोनॉट में से सिर्फ एक ही स्पेस स्टेशन जाएगा। नासा की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार यह मिशन अक्टूबर 2024 के बाद शुरू होगा।
अमेरिका में दी जाएगी मिशन की ट्रेनिंग
भारत के जो एस्ट्रोनॉट इस मिशन के तहत स्पेस स्टेशन पर जाएंगे, उन्हें पहले अमेरिका में खास ट्रेनिंग दी जाएगी। इन अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में जाने और रहने की तो ट्रेनिंग पहले ही मिल चुकी है। लेकिन उनकी ये ट्रेनिंग गगनयान मिशन पर केंद्रित थी, ऐसे में अब उन्हें इंटरनेशनल स्पेस के मॉड्यूल और वहां रहने के तरीकों को भी समझना होगा।
प्राइवेट कंपनी के साथ मिलकर अंतरिक्ष में जाएंगे एस्ट्रोनॉट
बता दें कि एस्ट्रोनॉट को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ले जाने वाला मिशन एक्सिओम-4 है। इस मिशन को अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा और एक प्राइवेट कंपनी एक्सिओम स्पेस मिलकर अंजाम देंगी। ये एक्सिओम का चौथा निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन है। इस मिशन के तहत एस्ट्रोनॉट अंतरिक्ष स्टेशन पर करीब 14 दिन रुकने की उम्मीद है।
स्पेसएक्स भी देगा साथ
नासा ने पिछले साल एक्सिओम-4 मिशन की घोषणा करते हुए बताया था कि एक्सिओम-4 मिशन के क्रू इस उड़ान के लिए नासा, इंटरनेशनल स्पेस एजेंसियों और स्पेसएक्स के साथ मिलकर ट्रेनिंग लेंगे। एक्सिओम स्पेस ने स्पेसएक्स के साथ एस्ट्रोनॉट को अंतरिक्ष में लाने और ले जाने के लिए लॉन्चर की डील की है। इसके साथ ही अंतरिक्ष यात्रियों को चीन स्पेसयान का सिस्टम, मिशन के प्रोसेस और इमरजेंसी तैयारियों के बारे में ट्रेनिंग देगा।
पिछले साल अमेरिका ने किया था ऐलान
इस स्पेस मिशन के लिए काफी वक्त से एजेंसियां काम कर रही हैं। पिछले साल पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका ने एक संयुक्त बयान में बताया था कि नासा भारतीय एस्ट्रोनॉट को खास ट्रेनिंग देगा। इसके बाद दिल्ली दौरे पर आए नासा के अधिकारी बिल नेल्सन ने कहा था कि अमेरिकी स्पेस एजेंसी 2024 के अंत तक आईएसएस के लिए भारतीय एस्ट्रोनॉट को ट्रेनिंग देगी।