शिमला.
प्रदेश में शुक्रवार रात से जारी भारी वर्षा के कारण जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। प्रदेश में 62 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। जिसमें से 38 मंडी और 14 कुल्लू में बंद हैं। प्रदेश में खराब 154 ट्रांसफार्मरों में सभी मंडी में खराब है कई गांव में अंधेरा है। 26 पेयजल योजनाएं प्रभवित हैं। प्रदेश में बीते चौबीस घंटों के दौरान सबसे अधिक वर्षा कांगड़ा जिला में दर्ज की गई जिसमें धर्मशाला में 214.6, पालमपुर में 212.4 और कांगड़ा में 157.6 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
कांगड़ा में चौबीस घंटों के दौरान वर्ष 2016 में 166 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई थी और उसके बाद अब 157.6 मिलीमीटर दर्ज की गई है। सिरमौर के धौलाकुआं में 70, बिलासपुर के बरठीं में 58.8, ऊना में 50.6, मंडी में 46.4 और चंबा के डलहौजी में 31 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। लाहौल स्पीति के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्का हिमपात हुआ है। मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए ताजा पूर्वानुमान के अनुसार रविवार को शिमला और सिरमाैर में भारी वर्षा के कारण अचानक बाढ़ आने की चेतावनी जारी की है। इसके अलावा लाहौल स्पीति को छोड़ बाकी सभी जिलों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इस संबंध में जारी की गई एडवाइजरी में नदी नालों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
जुलाई में अब तक सामान्य से 106 प्रतिशत अधिक वर्षा
प्रदेश में जुलाई माह में छह दिनों के दौरान 72 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। जो सामान्य से 106 प्रतिशत अधिक है। कांगड़ा में अब प्रदेश में सबसे अधिक करीब 240 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है जो सामान्य से 206 प्रतिशत अधिक है। जबकि मंडी में 195 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है जो सामान्य से प्रदेश में सबसे अधिक 281 प्रतिशत अधिक दर्ज की गई है। लाहौल स्पीति में सामान्य से सबसे कम 77 प्रतिशत कम और किन्नौर में सामान्य से 35 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई है।