विदेश

रवांडा बिल योजना को ब्रिटेन के नई पीएम कीर स्टार्मर ने किया बंद, ‘सुनक सरकार की ये नौटंकी जारी नहीं रखेंगे’

लंदन.

ब्रिटेन के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने शनिवार को बतौर पीएम अपना कार्यभार संभाल लिया। अपने कार्यकाल के पहले ही दिन उन्होंने पूर्ववर्ती ऋषि सुनक सरकार की महत्वकांक्षी योजना रवांडा बिल को बंद करने का एलान कर दिया। उन्होंने कहा कि यह योजना शुरू होने से पहले ही खत्म हो गई है और इसे दफन कर दिया गया है।

कीर स्टार्मर ने अपने दिन की शुरुआत कैबिनेट की बैठक के साथ की और अपनी सरकार की वित्त मंत्री रेसेल रीव्स और नए विदेश मंत्री डेविड लैमी के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि 'हमारे पास करने के लिए बहुत काम है, इसलिए अब हमें काम पर जुट जाना चाहिए।' बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कीर स्टार्मर ने रवांडा बिल योजना को बंद करने का एलान किया। उन्होंने कहा 'रवांडा योजना शुरू होने से पहले ही खत्म होकर दफन हो गई है। मैं इस नौटंकी को जारी रखने के पक्ष में नहीं हूं।'

क्या थी रवांडा योजना
ब्रिटेन में अवैध अप्रवासियों का आगमन एक बड़ी समस्या है और आम चुनाव के दौरान भी यह एक प्रमुख मुद्दा रहा। इस समस्या से निपटने के लिए सुनक सरकार ने रवांडा योजना पेश की थी। बता दें कि साल 2022 में तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ब्रिटेन और रवांडा के बीच पांच वर्षीय समझौता किया था। इस समझौते का मकसद असुरक्षित और अनधिकृत रास्तों से ब्रिटेन में हो रहे अवैध अप्रवासन को रोकना था। खासकर उस अप्रवासन को रोकना जो छोटी नावों के ज़रिए इंग्लिश चैनल (समुद्री मार्ग) के रास्ते से होता है। गैरकानूनी तरीके से ब्रिटेन में घुसने के लिए अत्यधिक ज़ोखिम वाले रास्तों का सहारा लिया जाता है तो इससे कई बार मौतें भी होती हैं और इस क्षेत्र में मानव तस्करी को भी बढ़ावा मिलता है। यही वजह है कि रवांडा प्लान के तहत ब्रिटेन में गैरकानूनी तरीके से आ चुके लोगों को प्रवासन की प्रक्रिया के तहत शरण देने और कुछ को रंवाडा भेजने की योजना थी। रवांडा ने शुरुआती पांच साल तक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हर साल 1,000 शरणार्थियों को लेने पर सहमति दी थी। हालांकि मानवाधिकार समूहों और वकीलों ने इस योजना का विरोध किया और इसे अदालत में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने नॉन रिफॉलमेंट सिद्धांत के उल्लंघन पर चिंता जताई। नॉन रिफॉलमेंट सिद्धांत के मुताबिक अगर कोई नागरिक किसी देश में शरण मांगता है तो फिर उसके और शरण देने वाले देश के बीच एक तरह ये अनुबंध हो जाता है कि उसे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर उस देश में वापस नहीं भेजा जाएगा, जहां से वो आया है और जहां जाति, धर्म, नस्ल, राष्ट्रीयता, किसी खास सामाजिक समूह का सदस्य होने या किसी राजनीतिक मत की वजह से उसकी ज़िंदगी और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को ख़तरा है। मानवाधिकार को लेकर रवांडा का जितना घटिया रिकॉर्ड है, उसे देखते हुए ये कहा जा सकता है कि ब्रिटेन में शरण मांगने वालों को तीसरे देश के तौर पर भी रवांडा में पुनर्वास करना सही नहीं होगा। कोर्ट के इस फैसले को नाकाम करने के लिए सुनक सरकार ने अपनी 'स्टॉप द बोट' मुहिम के लिए बिल पेश किया। सरकार ने रवांडा सुरक्षा (शरण और अप्रवासन) विधेयक पेश करके तीसरे देश के तौर पर रवांडा को शरणार्थियों के लिए सुरक्षित देश घोषित कर दिया। जनवरी 2024 में इस विधेयक को हाउस ऑफ लॉर्ड्स में पहले दौर की मंजूरी मिल चुकी थी।

नए मंत्रियों की नियुक्ति
कीर स्टार्मर ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री आवास में आयोजित हुई बैठक में अपने मंत्रिस्तरीय दल की नियुक्ति की। कोरोना महामारी के दौरान मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार पैट्रिक वैलेंस को विज्ञान मंत्री बनाया गया है। जेम्स टिम्पसन को जेल मंत्री बनाया गया है। कीर स्टार्मर की सरकार के सामने कई चुनौतियां हैं, जिनमें एक स्थिर अर्थव्यव्सथा, चरमराती सार्वजनिक सेवाएं और महंगाई आदि शामिल हैं। कीर स्टार्मर को दुनियाभर के नेताओं से बधाई संदेश मिल रहे हैं। शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने उन्हें फोन करके बधाई दी। साथ ही उन्होंने यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बात की। गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कीर स्टार्मर को बधाई नहीं दी, लेकिन ट्रंप ने रिफॉर्म यूके पार्टी के नेता निगेल फराज को जरूर बधाई दी। 

जनसम्पर्क विभाग – आरएसएस फीड

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com