मुंबई.
कुनबी के रूप में दर्ज रिकॉर्ड वाले लोगों के रक्त संबंधियों को भी प्रमाण-पत्र दिए जाएंगे। महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने इस बारे में बताया। हालांकि इसके बाद कुछ ओबीसी नेताओं ने इसका विराधे भी किया है। मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे कुछ समय पहले अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे थे। जिसमें वो मसौदा अधिसूचना के कार्यान्वयन की मांग कर रहे थे।
इस अधिसूचना में कुनबी को मराठा समुदाय के सदस्यों के ऋषि सोयारे के रूप में मान्यता दी गई है। उनकी मांग थी कि सभी मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र जारी किए जाएं। ताकि वे आरक्षण के लाभ का पात्र बन सकें। हाल ही में महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि जिन लोगों के रिकॉर्ड कुनबी के रूप में दर्ज हैं, उनके "ऋषि सोयारे" (रक्त संबंधी) को भी ऐसे प्रमाण-पत्र मिलेंगे। बता दें कि पिछले महीने, ओबीसी कार्यकर्ता लक्ष्मण हेके और नवनाथ वाघमारे ने 10 दिनों तक भूख हड़ताल की थी। उनकी मांग थी कि मराठों को कोटा लाभ प्राप्त करने के लिए कुनबी प्रमाण पत्र देने वाली मसौदा अधिसूचना को रद्द किया जाए। उन्होंने मांग की है कि ओबीसी कोटा को कम नहीं किया जाना चाहिए। दोनों ने जरांगे की मांग के जवाब में उपवास शुरू किया था कि मराठों को ओबीसी श्रेणी में आरक्षण मिलना चाहिए।