नई दिल्ली
विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि कांग्रेस में बचे हिंदुओं को राहुल गांधी की मानसिकता से सावधान रहना चाहिए। राम जन्मभूमि आंदोलन के संबंध में राहुल गांधी का ताजा बयान, झूठ का एक पुलिंदा है तथा हिंदुओं के प्रति घृणा से भरा हुआ है। लालकृष्ण आडवाणी द्वारा निकाली गई रथ यात्रा का इस संपूर्ण संघर्ष में एक महत्वपूर्ण योगदान है। परंतु, राहुल गांधी का यह कहना कि राम जन्मभूमि का संघर्ष इस यात्रा से शुरू हुआ, उनकी अज्ञानता का परिचय देता है।
विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने रविवार को कहा कि जन्मभूमि के लिए हिंदुओं का संघर्ष वर्ष 1528 से ही शुरू हो गया था, जब आक्रांता बाबर ने राम जन्मभूमि पर स्थित रामलला के पावन मंदिर को तोड़ा था। सुप्रीम कोर्ट के 2019 में निर्णय आने तक संपूर्ण देश के राम भक्त निरंतर संघर्षरत रहे।
डॉ. जैन ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने फिर एक बार हिंदू समाज का अपमान किया है, जिसने कभी विदेशी आक्रमण के समक्ष घुटने नहीं टेके। राहुल गांधी ने गुरु नानक देव, गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविंद सिंह जी के अमर योगदान को भुलाने का षड्यंत्र किया है, जो अयोध्या पधारे थे। उनकी स्मृति में बने गुरुद्वारों में आज भी लाखों श्रद्धालु जाकर अपने आप को धन्य समझते हैं। राहुल गांधी ने अपमानित किया है, उन लाखों बलिदानियों का, जिन्होंने राम जन्मभूमि को मुक्त करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। राहुल ने उन 60 करोड़ राम भक्तों के योगदान को भी अपमानित किया है, जिन्होंने राम जन्मभूमि के निर्माण के लिए खुले दिल से योगदान दिया था।
उन्होंने कहा कि महंत दिग्विजय नाथ, महंत अवैद्यनाथ, महंत रामचंद्र परमहंस, अशोक सिंघल जैसे महापुरुषों के योगदान को राहुल गांधी भुलाना चाहते हैं, जो कभी संभव नहीं है। इन सब के प्रति हिंदू समाज हमेशा कृतज्ञ रहेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि वह व्यक्ति इस कृतज्ञता को नहीं समझ सकता, जिसकी परंपरा देश के विकास में योगदान देने वाले महापुरुषों को अपमानित करने की रही है। राहुल के परिवार के मन में हिंदुओं के प्रति कितनी नफरत भरी है, उनके इन बयानों से स्पष्ट हो जाता है। फैजाबाद में सपा उम्मीदवार की विजय का विश्लेषण हो सकता है, लेकिन बार-बार अयोध्यावासियों को निशाने पर लेना किसी भी तरह उचित नहीं है। उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि संघर्ष के हर पड़ाव का केंद्र बिंदु अयोध्या रहा है। अयोध्यावासियों का योगदान कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। राहुल गांधी अपनी झूठी विजय की मृग मरीचिका में जी रहे हैं। हिंदू को अपमानित करने का जो मकड़जाल वे बुन रहे हैं, उसमें वे ही फंसेंगे।