बस्तर/जगदलपुर.
बरसात के मौसम की शुरुआत होने के साथ ही बस्तर जिले के वॉटरफॉल में लोकल निवासियों के साथ ही बाहर से भी रोजाना सैकड़ों पर्यटक बस्तर के इस खूबसूरती को निहारने के लिए आ रहे है। लेकिन इस पर्यटन में सबसे बड़ी खास बात यह है कि यहां पर्यटकों अपनी जान को जोखिम में डालकर एन्जॉय तो कर रहे है। लेकिन सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नही है। यहां पर रायपुर से लेकर विशाखापत्तनम, ओड़िसा के अलावा अन्य जगहों से पर्यटक यहां पर घूमने के लिए आ रहे हैं। लेकिन तीरथगढ़ वॉटरफॉल पर सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं दिख रहा है।
बताया जा रहा है कि जगदलपुर शहर में चित्रकोट, मिनी गोवा, तामड़ागुमर, तोपर, बिजाकासा, गुलमी, चित्रधारा के अलावा और भी कई जगह है। जहां लोग एन्जॉय करने के लिए जाते हैं। जहां कई बार बड़ी घटनाएं घट चुकी है।
तीरथगढ़ वॉटरफॉल
यह जगह देखने में जितनी सुंदर है। उतना ही यहां पर दुर्घटनाएं घट चुकी हैं। जिसकी बात करें तो यहां कुछ साल पहले टॉप पर बैठे पति-पत्नी में पत्नी की फिसलकर गिर जाने से मौत हो गई थी। इसके अलावा इस जगह से नीचे एक छोटा सा झरना भी है। जिसके नीचे कुंड बना हुआ है। जहां कई हादसे हो चुके हैं और कईयों की डूबने से मौत हुई है।
चित्रकोट वॉटरफॉल
इस वॉटरफॉल को मिनी नियाग्रा भी कहा जाता है। लेकिन यहां पर भी कई बार बड़े हादसे हो चुके हैं। अधिकतर देखा जाए तो कइयों ने इस वॉटरफॉल से छलांग लगाकर अपनी जान दे चुके हैं। इसके अलावा इस फॉल से डॉक्टर पति-पत्नी गिर गए थे। लेकिन बाद में मछुआरों की टीम ने बचा लिया था।
गुलामी वॉटरफॉल
ये वॉटरफॉल छत्तीसगढ़ और ओड़िसा सीमा के बीच है। यहां भी काफी संख्या में लोग जाते हैं। लेकिन इस वॉटरफॉल में भी कई युवकों की डूबने से मौत हो चुकी है। इसके अलावा कुछ वर्ष पहले घूमने आए जोड़ों से कुछ लोगों ने पैसे की मांग भी की थी। लेकिन नहीं मिलने पर हत्या तक हो चुकी है।
मिनी गोवा
बस्तर के युवाओं ने कुछ वर्ष पहले इसकी खोज की थी। लेकिन यह जगह इंस्ट्राग्राम में युवको के द्वारा डाले गए वीडियो के बाद काफी फेमस हुई। जहां कुछ दिन पहले नहाने गए जगदलपुर के टीम युवक बह गए थे। जिन्हें बाद में एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन कर रात 12 बजे सही सलामत निकाला था।
पर्यटकों को देंगे समझाइश
गांव के समूह के द्वारा एक जगह पैसा लिया जा रहा है। जबकि एक जगह पर टिकट चेक किया जा रहा है। पर्यटकों को समझाइश दिया जा रहा है। आज निरीक्षण किया जाएगा। खतरे वाले जगह को बंद भी किया जाएगा।
– डीएफओ चुड़ामनी सिंह, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान