भोपाल
विधानसभा व लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस मध्य प्रदेश में नए सिरे से पार्टी को खड़ा करने और जनाधार वापसी के लिए मजबूत रणनीति बनाने के लिए गंभीरता से मंथन कर रही है। वह अभी से 2028 के विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू करने की रणनीति बना रही है।
भोपाल में दो दिन चली मंथन-बैठक में प्रदेश प्रभारी जितेन्द्र सिंह ने अभी से चुनाव मोड में तैयारी करने के संकेत दे दिए। अब इस बात पर भी विचार हो रहा है कि अभी से प्रदेश स्तर पर चुनाव प्रबंध समिति बना दी जाए। पार्टी का दूसरा सर्वाधिक ध्यान भाजपा की तरह बूथों को मजबूत करने पर है।
शहरों में वार्ड स्तर पर भी अभी से कमेटी बनाई जाएगी। प्रदेश स्तर पर बनने वाली चुनाव प्रबंधन समिति जिला और ब्लाक के पदाधिकारियों को मार्गदर्शन देगी। कांग्रेस में दूसरे दलों से आए नेताओं के लिए प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किए जाएंगे, जिससे वे पार्टी की विचारधारा से अच्छी तरह से परिचित हो सकें।
दरअसल, विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत की वजह उसका बूथ प्रबंधन रहा है। चुनाव से लगभग एक वर्ष पहले से ही भाजपा ने पूरी ताकत लगा दी थी। बूथ संपर्क सहित कई अभियान चलाए गए। अब कांग्रेस 2028 के विधानसभा चुनाव के लिए उसी तर्ज पर काम करने जा रही है।
समस्या यह है कि कांग्रेस के पास बूथ स्तर पर कार्यकर्ता नहीं है। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में दो दिन चली बैठक में पहले दिन विधानसभा चुनाव में कुछ पराजित प्रत्याशियों ने कहा था कि उन्हें कुछ बूथों पर एजेंट तक नहीं मिले।
ऐसे में ब्लाक अध्यक्ष और जिलाध्यक्षों को बूथ स्तर पर टीम बनाने का लक्ष्य दिया जाएगा। बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं की हर 15 दिन में बैठक होगी, जिसमें जिला या ब्लाक स्तर का कोई पदाधिकारी भी उपस्थित रहेगा। जिला और ब्लाक स्तर की समितियों की प्रतिमाह बैठकें होंगी।