वाशिंगटन
अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन की मेजबानी में इस सप्ताह आयोजित होने वाले नाटो शिखर सम्मेलन में अमेरिका और उसके सहयोगी देशों द्वारा यूक्रेन के प्रति मजबूत समर्थन प्रदर्शित करने की संभावना है। बाइडन प्रशासन के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में यूक्रेन को सैन्य, राजनीतिक और वित्तीय सहायता देने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की जा सकती हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, सम्मेलन में यूरोपीय संघ और हिंद-प्रशांत साझेदारों के साथ अमेरिका के सहयोग को और मजबूत करने के लिए एक बैठक भी आयोजित की जाएगी।
संगठन सदस्य के रूप में स्वीडन के शामिल होने के बाद यह पहला नाटो शिखर सम्मेलन होगा। स्वीडन मार्च में आधिकारिक रूप से नाटो में शामिल हुआ था।
यह ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ का भी प्रतीक होगा। नाटो अब 32 देशों का एक मजबूत सैन्य गठबंधन है।
शिखर सम्मेलन से पहले एक वरिष्ठ अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह (नाटो) यूरो-अटलांटिक सुरक्षा के लिए वास्तव में अति आवश्यक रहा है और अमेरिका तथा उसके सहयोगियों की रक्षा करता आया है।’’
अमेरिका की राजधानी में आयोजित होने वाला यह सम्मेलन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई बैठक के कुछ ही दिनों के भीतर हो रहा है।
अधिकारियों ने कहा, ‘‘सम्मेलन के जरिये पुतिन को एक कड़ा संदेश जाएगा कि अगर उन्हें लगता है कि वह यूक्रेन का समर्थन करने वाले देशों के गठबंधन के सामने अधिक समय तक टिक सकते हैं तो यह उनकी गलतफहमी है।’’
नाम न उजागर करने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, ‘‘हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अपने साझेदारों के साथ मिलकर हम बाकी देशों को भी एक महत्वपूर्ण संदेश देंगे कि हम एकजुट हैं और लोकतांत्रिक मूल्यों के समर्थन के लिए साथ खड़े हैं।’’
नाटो शिखर सम्मेलन मंगलवार को वाशिंगटन में शुरू होगा, जिसमें अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन संगठन के नेताओं का स्वागत करेंगे।