भोपाल
एम्स भोपाल के न्यूरोसर्जरी विभाग में अशोक नगर निवासी 13 वर्षीय बालिका के घातक ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। यह ट्यूमर बच्ची के सिर से बाहर निकल रहा था और फुटबॉल के आकार का था। 13 वर्षीय बालिका आपात स्थिति में आई थी और वेंटिलेटर पर थी। मस्तिष्क की एमआरआई से पता चला कि मस्तिष्क में एक बड़ा ट्यूमर था और यह सिर को नष्ट कर बाहर आ गया था। प्रो. अमित अग्रवाल, डॉ. आदेश श्रीवास्तव, डॉ. सुमित राज और डॉ. प्रदीप चौकसे द्वारा एक अंतर-विभागीय बैठक की गई और बच्चे को बचाने के लिए आपातकालीन सर्जरी करने का निर्णय लिया गया।
सर्जरी में 8 घंटे का लगा समय
इस मामले में डॉ. जितेंद्र और डॉ. अभिषेक की सहायता से सर्जरी डॉ. सुमित राज ने की। इस मामले को संचालित करने में लगभग 8 घंटे लगे। ट्यूमर अत्यधिक संवहनी था, और स्कल (खोपड़ी) भी प्रभावित थी, जिसे हटा दिया गया। सिर के दोष को टाइटेनियम प्लेट से ढक दिया गया था। डॉ. गौरव चतुर्वेदी और विकास की प्लास्टिक सर्जरी टीम की मदद से त्वचा को बंद किया गया। इस प्रक्रिया को अंजाम देने में एनेस्थीसिया टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसे डॉ. आशुतोष और मिलिंद ने अंजाम दिया। अगले ही दिन मरीज होश में आ गया और ऑपरेशन के बाद की अवधि में उसकी हालत ठीक है। ऐसे मामलों को केवल विशेष केंद्रों में ही संभाला जाता है। दुनिया में आज तक कैल्वेरियम के प्राथमिक घातक गोल कोशिका ट्यूमर के कुछ ही मामले सामने आए हैं। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. डॉ. अजय सिंह पूरी टीम को बधाई दी है।
ऑपरेशन के अगले दिन आया होश
डॉ. गौरव चतुर्वेदी और विकास की प्लास्टिक सर्जरी टीम की मदद से त्वचा को बंद किया गया। इस प्रक्रिया को अंजाम देने में एनेस्थीसिया टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसे डॉ. आशुतोष और मिलिंद ने अंजाम दिया। अगले ही दिन मरीज होश में आ गया और ऑपरेशन के बाद की अवधि में उसकी हालत ठीक है।
ऐसे मामलों को केवल विशेष केंद्रों में ही संभाला जाता है। दुनिया में आज तक कैल्वेरियम के प्राथमिक घातक गोल कोशिका ट्यूमर के कुछ ही मामले सामने आए हैं। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. डॉ. अजय सिंह पूरी टीम को बधाई दी है।