नई दिल्ली
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान राशिद लतीफ ने अपने देश के क्रिकेट ढांचे में खामियों को लेकर नाराजगी का इजहार किया है। उन्होंने खुलासा किया कि कैसे पाकिस्तान क्रिकेट को मैनेज करने में नाकाम रहा। लतीफ ने भारत में क्रिकेट मैनेजमेंट की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि भारत ने एक क्रिकेट इंडस्ट्री खड़ी करने में कामयाबी हासिल की जबकि पाकिस्तान ऐसा करने में बुरी तरह विफल रहा। बता दें कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) पैसे के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग। आईपीएल ग्लोबल ब्रांड चुका है, जिसमें बड़े-बड़े खिलाड़ी खेलने के लिए बेकरार रहते हैं। वहीं, पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) का स्तर वैसा नहीं।
लतीफ का दर्द टी20 वर्ल्ड कप 2024 समाप्त होने के बाद छलका है। भारत ने टूर्नामेंट जीतकर 11 साल का आईसीसी ट्रॉफी का सूखा खत्म किया है। दूसरी ओर, पाकिस्तान टीम लीग चरण से ही बाहर हो गई थी। न्यूज18 की रिपोस्ट के अनुसार, लतीफ ने कहा, ''भारत ने अपनी फिल्म इंडस्ट्री की तरह क्रिकेट क्रिकेट इंडस्ट्री भी विकसित की है। हम क्रिकेट को एक शौक के रूप में देखते हैं, इसलिए हम इसे बिजनेस में नहीं बदल पाए। पीएसएल अभी भी वहीं है, जहां से इसकी शुरुआत हुई थी। हाईएस्ट सैलरी 1.40 लाख डॉलर है। वे इसे और आगे क्यों नहीं बढ़ा सकते? हमारी लीग में मिचेल स्टार्क या पैट कमिंस जैसे खिलाड़ी क्यों नहीं हो सकते? क्योंकि हमारे पास पैसे नहीं हैं, इसलिए कोई बिजनेस नहीं है।"
पूर्व कप्तान ने आगे कहा, ''ऐसा नहीं है कि भारत हाल ही में वर्ल्ड कप के बाद विश्व क्रिकेट में एक बड़ी ताकत बना है। 2007, 2011, 2015 को देखें तो उन्होंने विदेशी कोचों से बहुत ज्ञान प्राप्त किया है। साथ ही वे बिना किसी की नजर में आए जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं। और फिर आईपीएल आया। और अब उनके पास सभी बेहतरीन दिमाग हैं। उनके पास डीसी, हसी और ब्रावो के साथ पोंटिंग हैं। लेकिन हम क्या कर रहे हैं।"
लतीफ ने कहा कि पीएसल की तुलना में बांग्लादेश प्रीमियर लीग (बीपीएल) भी काफी आगे बढ़ चुकी है। उन्होंने कहा कि बीपीएल में पीएसल से ज्यादा विदेशी खिलाड़ी खेलते हैं। लतीफ ने कहा, ''जिन लोगों ने पीएसएल की परिकल्पना की थी, उन्हें एक साल के भीतर ही बाहर निकाल दिया गया। उनके पास इसे विस्तार देने का विजन था, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ। हमारे यहां से ज्यादा विदेशी खिलाड़ी बांग्लादेश में खेल रहे हैं। मोईन अली और डेविड मिलर वहां हैं क्योंकि उनके पास पैसा है। हम आगे नहीं बढ़ सके।"