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अमेरिका के AC-130J विमान की ताकत देख दुश्मन हैरान, आसमान से लगा सकता है निशाना

वॉशिंगटन
अमेरिका की वायु सेना ने अपने सबसे आधुनिक विमान की ताकत का नजारा पेश किया है, जो ऊंचे आसमान में उड़ान भरते हुए घरों की खिड़की के अंदर तक नजर रख सकता है। घोस्टराइडर कहे जाने वाले AC-130J ने दक्षिण कोरिया में हुए सैन्य अभ्यास में अपनी ताकत दुनिया के सामने दिखाई है। दक्षिण कोरिया में ऊंचे अपार्टमेंट ब्लॉक के ऊपर जब इसने उड़ान भरी तो इसके शक्तिशाली कैमरे घरों की खिड़कियों के अंदर सब कुछ साफ देख पा रहे थे। लेकिन इसकी खासियत का ये सिर्फ इसका एक हिस्सा भर है। इसकी पूरी क्षमता हैरान करने वाली है।

50000 फीट से लगा सकता है निशाना

चार इंजन वाला ये विमान 50000 फीट (लगभग 10 मील) की ऊंचाई से अपने लक्ष्य को पहचान सकता है, जो इस विमान पर लगी अब तक की सबसे बड़ी बंदूक के लिए संभावित लक्ष्य हैं। दक्षिण कोरिया में एक लाइव-फायर अभ्यास के दौरान 105 मिलीमीटर हॉवित्जर ने सियोल के पूर्व में 43 पाउंड के गोले दागे। फायरिंग इतनी शक्तिशाली थी कि 80 टन वजन का पिछला हिस्सा 6 फीट दाईं ओर चला गया। इसके 10 सेकंड बाद विमान के अंदर लगी स्क्रीन पर रेंज में गोले गिरने की तस्वीर उभरती है। इस अभ्यास में जमीन पर दो टैंकों को निशाना बनाया गया।

गाइडेड मिसाइल और बम कर सकता है लॉन्च

105 मिलीमीटर की हॉवित्जर के अलावा इस विमान में 30 मिलीमीटर की तोप भी लगी हुई है। इसके साथ ही यह गाइडेड मिसाइल और बमों को लॉन्च कर सकता है। इसे पैदल सेना का सबसे अच्छा दोस्त भी कहा जाता है, क्योंकि यह सैनिकों के सामने कुछ ही दूरी पर दुश्मन पर ठिकानों पर फायर कर सकता है। हवा में ईंधन भरने के साथ यह सैद्धांतिक रूप से जमीनी बलों का समर्थन करते हुए तब तक स्टेशन पर रह सकता है, जब तक चालक दल और गोला-बारूद चल सकता है।

विमान के पायलट कैप्टन जॉन इकेनबेरी ने CNN को बताया कि इस अभ्यास के जरिए उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन को सीधा संदेश दिया है, कि हम तैयार हैं। अमेरिकी सेना के हरक्यूलिस गनशिप का नवीनतम संस्करण AC-130J लगातार दूसरे साल कोरिया में अपनी क्षमता का परीक्षण कर रहा है।

वियतनाम युद्ध में पहली बार हुआ था इस्तेमाल

अमेरिकी वायु सेना ने पहली बार गनशिप का इस्तेमाल वियतनाम युद्ध से जमीन पर किया था, जब C-47 परिवहन विमान के एक तरफ फायर करने के लिए 7.62 मिमी की बंदूकें स्थापित की थीं। उस क्षमता के साथ विमान एक लक्ष्य के चारों ओर चक्कर लगा सकता था और उस पर निरंतर गोलाबारी कर सकता था। अमेरिकी वायुसेना की रिपोर्ट के अनुसार, इसकी तोपें एक मिनट में 6000 राउंड फायर कर सकती थीं। समय के साथ युद्ध की भूमिका बदलीं, वायु सेना ने गनशिप की भूमिका के लिए एक भारी विमान की तलाश की और इस तरह C-130 हरक्यूलिस ट्रांसपोर्ट की तरफ रुख किया। सी-130 को पहली बार 1967 में दक्षिण पूर्व एशिया में इस्तेमाल किया गया था।

जनसम्पर्क विभाग – आरएसएस फीड

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