बेंगलुरु
कर्नाटक (Karnataka) लोकायुक्त ने आज सुबह राज्य भर में कई सरकारी अधिकारियों के ठिकानों पर छापे मारे. जानकारी के मुताबिक, लोकायुक्त ने आय से अधिक संपत्ति के आरोपों और शिकायतों से जुड़े मामलों पर छापेमारी की है. कुल 9 जिलों में 11 मामलों से जुड़ी छापेमारी की गई है, जिनमें दावणगेरे और चित्रदुर्ग के दो-दो मामले शामिल हैं. इसके साथ ही ईडी ने भी पूर्व मंत्री और विधायक के घरों पर छापेमारी की है.
मिली जानकरी के मुताबिक, जिलों के एसपी लोकायुक्त मामलों की निगरानी कर रहे हैं. 56 जगहों की तलाशी ली गई है. इसमें करीब 100 अधिकारी शामिल थे.
कहां-कहां हुई छापेमारी?
कलबुर्गी: बसवराज मागी, राजस्व अधिकारी, केंगेरी डिवीजन, बीबीएमपी जोन, बेंगलुरु
मांड्या: शिवराजू एस, कार्यकारी अभियंता (रिटायर्ड), ग्रामीण पेयजल और स्वच्छता प्रभाग, मांड्या जिला
चित्रदुर्ग: एम. रवींद्र, मुख्य अभियंता (रिटायर्ड), लघु सिंचाई विभाग, बेंगलुरु
धारवाड़: शेखर गौड़ा, परियोजना निदेशक
बेलगावी: महादेव बन्नूर, सहायक कार्यकारी अभियंता
दावणगेरे: डी. एच. उमेश, कार्यकारी अभियंता (वी) और एम. एस. प्रभाकर, सहायक कार्यकारी अभियंता
कोलार: विजयन्ना, तहसीलदार
मैसूर:-महेश के, अधीक्षक अभियंता
हासन: एन. एम. जगदीश, ग्रेड-1 सचिव
चित्रदुर्ग: केजी जगदीश, अधीक्षक अभियंता
18 से ज्यादा जगहों पर ईडी की छापेमारी
कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कर्नाटक (Karnataka) के पूर्व मंत्री बी नागेंद्र और कांग्रेस विधायक बी दद्दाल के आवासों पर 24 घंटे से ज्यादा वक्त तक छापेमारी की. केंद्रीय जांच एजेंसी ने निगम के बैंक खातों से 187 करोड़ रुपये के कथित अनधिकृत अनियमितताओं की जांच के तहत 18 से ज्यादा स्थानों पर एक साथ छापेमारी की.
हालांकि ईडी अधिकारियों ने आधी रात को तलाशी रोक दी, लेकिन टीमें छापेमारी वाली जगह पर ही रहीं. गुरुवार सुबह 7 बजे निरीक्षण फिर से शुरू हुआ.
मई में इस्तीफा देने से पहले नागेंद्र कर्नाटक के आदिवासी कल्याण मंत्री थे, जबकि दद्दाल निगम के अध्यक्ष थे. इस साल 21 मई को निगम के लेखा अधीक्षक चंद्रशेखरन पी की मौत के बाद कथित घोटाला सामने आया. अपने सुसाइड नोट में अधिकारी ने निगम से विभिन्न बैंक खातों में अवैध रूप से फंड ट्रांसफर करने का आरोप लगाया. घटना पर आक्रोश और विपक्ष की आलोचना के बीच दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया और नागेंद्र ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. कर्नाटक सरकार ने मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन भी किया है. बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि उनकी सरकार ईडी जांच में हस्तक्षेप नहीं करेगी.
हालांकि, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि ईडी की छापेमारी अनुचित थी. शिवकुमार ने कहा, "जब राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी पहले से ही मामले की जांच कर रही है, तो ईडी को मामले में छापेमारी करने की कोई जरूरत नहीं थी." उन्होंने कहा कि पिछली बीजेपी सरकार के दौरान भी इसी तरह के मामले हुए थे.