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बदरीनाथ हाईवे पर 48 घंटे से फंसे 2000 भक्तजन, भूस्खलन-बोल्डर से यात्रियों की आफत में जान

जोशीमठ

बदरीनाथ नेशनल हाईवे बंद होने से जोशीमठ और आसपास के इलाके में दो हजार से अधिक तीर्थयात्री 48 घंटे से फंस हुए हैं। गुरुवार सुबह छह बजे उन्हें फंसे हुए 48 घंटे हो जाएंगे। जोशीमठ में कई घंटे इंटरनेट और मोबाइल फोन सेवा भी बाधित रही।

यूपी, दिल्ली-एनसीआर, एमपी, राजस्थान आदि से भक्तजन धाम के दर्शन को जाते वक्त हाईवे पर भूस्खलन की वजह से बुरी तरह से फंस गए हैं।  फंसे यात्री न परिजनों से संपर्क कर पा रहे थे और न ऑनलाइन भुगतान करके सामान खरीद पाए।

रोज के इस्तेमाल में होने वाले सामान से लेकर रहने के होटल अचानक डेढ़ गुना तक मंहगे हो गए। उपचुनाव के लिए मतदान के कारण बुधवार को बाजार बंद रहा, लिहाजा कई तीर्थयात्रियों को जरूरी सामान नहीं मिल सका। इसके चलते यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

हाईवे का करीब 30 मीटर हिस्सा मंगलवार सुबह छह बजे भूस्खलन की चपेट में आकर पूरी तरह गायब हो गया। उसे नए सिरे से बनाना पड़ रहा है। इसलिए इसमें ज्यादा समय लग रहा है। बदरीनाथ के दर्शन करने जोशीमठ से आगे गए यात्री सड़क बंद होने के कारण फंस गए।

सीमा सड़क संगठन की टीम रोड खोलने के लिए जूझ रही है। गुरुवार को सड़क खुलने की संभावना जताई गई है। यात्रियों का कहना है कि इंटरनेट बंद होने से उन्हें सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ी। जेब में नगदी कम थी और जरूरी सामान खरीदने के लिए वे ऑनलाइन पेमेंट नहीं कर पा रहे थे।

परिजनों से संपर्क न होने से लोग परेशान दिखे। मोबाइल और इंटरनेट सेवा शाम करीब सात बजे बहाल हो पाई। वहीं, महिला यात्रियों का कहना था कि सार्वजनिक शौचालय न होने से बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। होटल और लॉज में कमरे बहुत महंगे मिल रहे हैं। उपचुनाव के कारण बाजार बंद होने से यात्रियों की परेशानी और बढ़ गई।

यात्रियों ने व्यवस्थाओं पर उठाए सवाल
बदरीनाथ हाईवे बंद होने से जोशीमठ और आसपास के क्षेत्रों में फंसे यात्रियों का परेशानी झेलनी पड़ रही है। हेमकुंड की यात्रा कर लौट रहे फरीदाबाद निवासी राहुल और दीपक जायसवाल ने बताया कि हाईवे खोलने को लेकर उन्हें कोई सही जानकारी नहीं दे रहा था। इंटरनेट भी ठप होने से वे परिजनों से संपर्क नहीं कर पा रहे थे।

यही हाल वहां फंसे अन्य यात्रियों का था। हापुड़ निवासी मोनू सैनी, मोनू भारती, अजय कुमार, संजय कुमार और मोहित कुमार भी फंस गए। मंगलवार रात को कहीं भी कमरा नहीं मिला, पूरी रात बस में बैठकर गुजारी। उनका कहना था कि प्रशासन चाहता तो किसी सार्वजनिक सुरक्षित स्थान पर यात्रियों को ठहरा सकता था।

सड़क कब खुलेगी इसकी जानकारी किसी के पास नहीं थी। रंगपुरी दिल्ली निवासी वेद प्रकाश ने कि रात को पहले होटल वाले ने कमरे का किराया 11 सौ रुपये बताया बाद में कमरा देने से ही मना कर दिया। चाय उन्हें 20 रुपये और ब्रेड पकोड़ा 25 रुपये में मिला।

बसंत कुंज दिल्ली निवासी अर्जुन सिंह नागर, नवाब सिंह भी जोशीमठ में फंस गए। जोशीमठ गुरुद्वारा प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया कि गोविंदघाट गुरुद्वारा में 700, जोशीमठ गुरुद्वारा में 600 यात्री ठहरे हैं। उनके खाने, रहने की व्यवस्था की है।वहीं एसडीएम जोशीमठ चंद्रशेखर वशिष्ठ ने कहा कि यात्रियों के लिए ठहरने की व्यवस्था गुरुद्वारा में की जा रही है।

पहाड़ी का एक बड़ा भाग हाईवे पर आ गया है। मंगलवार रात को तीन बार ब्लॉस्ट किया गया, लेकिन हजारों टन मलबा सड़क पर आ चुका है। बुधवार रात को ब्लॉस्ट कर बोल्डर तोड़े गए। मलबा हटाने का काम जारी है।
अंकुर महाजन, कमांडर ,बीआरओ

 

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