उज्जैन
ब्रज भूमि की के बाद मध्य प्रदेश श्रीकृष्ण भक्तों के लिए नया तीर्थ बनने जा रहा है। प्रदेश सरकार ने श्रीकृष्ण पाथेय के रूप में इसकी शुरुआत कर दी है। भगवान श्रीकृष्ण प्रदेश में जिन शहरों से होकर गुजरे वहां प्राचीन मंदिर व तीर्थ मौजूद हैं। नए स्थानों पर इस्कान प्रबंधन द्वारा मंदिर बनाए जाएंगे।
श्रीकृष्ण भक्ति के प्रचार प्रसार के लिए इस्कान प्रबंधन द्वारा 17 स्थानों से रथ यात्रा निकाली जा रही है। इस्कान मंदिर के पीआरओ राघव पंडित दास प्रभु ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण उज्जैन के सांदीपनि आश्रम, ग्राम नारायणा, धार के अमझेरा और बदनावर भी आए थे।
भगवान के जहां-जहां चरण पड़े हैं, उन स्थानों को श्रीकृष्ण पाथेय योजना के तहत राज्य सरकार संवारेगी। मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव की घोषणा के बाद इन स्थलों को तीर्थ के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस्कान मंदिर प्रबंधन भी श्रीकृष्ण गमन पथ के रूप में चिह्नित प्रदेश के प्रमुख शहरों में मंदिर निर्माण की योजना बना रहा है। बदनावर में मंदिर निर्माण शुरू हो चुका है। जल्द ही सागर व बीना में मंदिर निर्माण शुरू होगा।
प्रदेश में कृष्ण भक्ति के प्रचार-प्रसार के लिए इस वर्ष 17 स्थानों से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाएगी। परम पूज्य भक्त प्रेम स्वामीजी महाराज के मार्गदर्शन में निकाली जा रही इन यात्रा की शुरुआत सात जुलाई को उज्जैन से हुई है। आठ जुलाई को बदनावर व बीना, नौ जुलाई को टीकमगढ़, 10 जुलाई को छिंदवाड़ा में यात्रा निकल चुकी है।
किन शहरों में कब निकलेगी यात्रा
11 जुलाई अशोक नगर, बालाघाट तथा बड़वानी
12 जुलाई सिवनी व तराना
13 जुलाई नागदा व मंदसौर
14 जुलाई नीमच, गुना व आष्टा
15 जुलाई उज्जैन में वापसी रथ यात्रा
आषाढ़ शुक्ल द्वितीया से दशमी तक निकलती है यात्रा
जगन्नाथपुरी देव स्थान ट्रस्ट ने आषाढ़ शुक्ल द्वितीया से दशमी तक भगवान जगन्नाथ की यात्रा निकलने की व्यवस्था सुनिश्चित कर रखी है। इसके अनुसार इस्कान मंदिर प्रबंधन द्वारा प्रदेश में द्वितीया से दशमी तिथि तक यात्रा निकाली जा रही है। भगवान के लिए विशेष रथों का इंतजाम भी प्रबंधन कर रहा है।