मुंबई पुणे
ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। नवी मुंबई पुलिस ने पूजा खेडकर के खिलाफ एक रिपोर्ट भेजी है। इस रिपोर्ट के बाद ट्रेनी आईएस के लिए और ज्यादा परेशानी बढ़ेगी। इस रिपोर्ट में आईएएस पूजा खेडकर की एक नई करतूत का खुलासा हुआ है। इसके मुताबिक पूजा खेडकर ने चोरी के आरोप में बंद एक शख्स को छोड़ने के लिए पुलिस पर दबाव डाला था। बता दें कि पूजा खेडकर के ऊपर अनुशासन तोड़ने का आरोप है। इसके अलावा उन्होंने ऐसी सुविधाओं की मांग की थी जो ट्रेनी आईएएस को नहीं मिलती हैं। पूजा खेडकर अपनी प्राइवेट कार पर महाराष्ट्र सरकार का बोर्ड और लाल बत्ती लगाकर चलने की भी दोषी हैं। इसके अलावा उनके खिलाफ यह भी आरोप है कि उन्होंने ओबीसी कोटा और दिव्यांग सर्टिफिकेट का दुरुपयोग करके नौकरी हासिल की है।
इस बीच गुरुवार को नवी मुंबई पुलिस ने पूजा खेडकर के खिलाफ एक रिपोर्ट भेजी है। इसमें बताया गया है कि खेडेकर ने नवी मुंबई के पुलिस कमिश्नर विवेक पंसारे पर एक आरोपी को छोड़ने का दबाव बनाया था। यह शख्स एक ट्रांसपोर्टर था जिसे पनवेल पुलिस ने स्टील चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया था। सूत्रों के मुताबिक ईश्वर अर्जुन उत्तरवाड़े नाम का शख्स ट्रांसपोर्ट बिजनेस चलाता है। वह एक बिल्डर के लिए स्टील ले जाता था। जब स्टॉक कम होने लगा तो बिल्डर ने चोरी की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ट्रक ड्राइवर को गिरफ्तार किया। बाद में पूछताछ के दौरान पता चला कि कंपनी का मालिक उत्तरवाड़े है। इसक बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
सूत्रों के मुताबिक इसके बाद ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर ने 18 मई को पंसारे को फोन किया। उन्होंने कहा कि उत्तरवाड़े के खिलाफ आरोप बहुत छोटे हैं और वह निर्दोष है। नवी मुंबई पुलिस के एक सूत्र ने बताया कि इसके बावजूद उत्तरवाड़े को छोड़ा नहीं गया था। हालांकि खेडकर ने अपना परिचय दिया था, फिर भी पुलिस कमिश्नर इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं थे कि दूसरी तरफ कौन है। उन्होंने बताया कि पूछा बहुत जल्दी-जल्दी बोल रही थी। इसलिए उस कॉल को बहुत तवज्जो नहीं दी गई। उत्तरवाड़े अभी भी जेल में है।
खेडकर के कारनामे सामने आने के बाद नवी मुंबई पुलिस ने पुणे के कलेक्टर्स और मंत्रालय के अधिकारियों से उसके व्यवहार को लेकर बातचीत की थी। बुधवार को इस मामले में रिपोर्ट मांगी गई थी। इसके बाद कमिश्नर पंसारे ने दो पेज की रिपोर्ट भेजी थी। इसे गृह विभाग को भेज दिया गया है। हिन्दुस्तान टाइम्स से बातचीत में रिपोर्ट भेजने वाली अधिकारी सौनिक ने बताया कि चूंकि खाडकर प्रोबेशनर है, इसलिए उसके व्यवहार को लेकर लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन को रिपेार्ट भेजी गई है। यह बात भी सामने आई है कि अगर एकेडमी में खेडकर का व्यवहार ठीक नहीं था तो फिर उसे महाराष्ट्र नहीं भेजना चाहिए था। इससे आईएएस फैटर्निटी और प्रदेश सरकार की छवि धूमिल हो रही है।
इस बीच चार दिन के अंतराल के बाद खेडकर ने वाशिक कलेक्ट्रेट में गुरुवार को ज्वॉइन कर लिया। वह इस हफ्ते पीडब्लूडी और इरिगेशन डिपार्टमेंट में काम करेगी। इसके बाद अगले हफ्ते ट्राइबल डेवलमेंट डिपार्टमेंट में काम देखेंगे। जब खेडकर ने वाशिम में उनके पहले दिन के काम को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं यहां ज्वॉइन करके खुश हूं। आगे काम करना चाहती हूं।