नई दिल्ली
दक्षिण कोरिया ने दशकों से ओलंपिक इतिहास में तीरंदाजी पर अपना दबदबा कायम रखा है, खास तौर पर महिला टीम स्पर्धाओं में। हालांकि, आगामी पेरिस ओलंपिक में तीरंदाजी की इस महाशक्ति को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। 1988 के सियोल ओलंपिक के बाद से, दक्षिण कोरिया ने महिला टीम तीरंदाजी में लगातार नौ स्वर्ण पदक हासिल किए हैं और 1984 के बाद से महिलाओं के व्यक्तिगत ओलंपिक खिताबों में से अधिकांश पर कब्ज़ा किया है, सिवाय 2008 के बीजिंग ओलंपिक के, जिसमें चीनी तीरंदाज झांग जुआनजुआन ने जीत हासिल की थी।
इस साल दक्षिण कोरिया के लिए इस दबदबे को बनाए रखना आसान नहीं होगा। पुरुषों की लाइनअप में किम वूजिन, किम जे देओक और ली वूसोक शामिल हैं, जबकि महिलाओं की स्पर्धाओं में लिम सिह्योन, जियोन हुनयंग और नाम सुह्योन प्रतिस्पर्धा करेंगी। गौरतलब है कि टोक्यो ओलंपिक में तीन स्वर्ण पदक जीतने वाली एन सैन पेरिस ओलंपिक रोस्टर में नहीं हैं। भारत, और चीन जैसे देश दक्षिण कोरिया के वर्चस्व को चुनौती देने के लिए कमर कस रहे हैं। महिला तीरंदाजी में दीपिका कुमारी भारत का नेतृत्व कर रही हैं, जो चौथी बार इस बहु-खेल महाकुंभ में भाग लेंगी।
दीपिका पिछले एक दशक से भारतीय तीरंदाजी में एक प्रमुख ताकत रही हैं। अनुभवी तीरंदाज ने विश्व चैंपियनशिप, विश्व कप, एशियाई चैंपियनशिप, एशियाई खेल और राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीते हैं। हालाँकि, उनकी चमचमाती अलमारी में अभी भी ओलंपिक पदक नहीं हैं और इस बार वह इसे हासिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगी। दीपिका के अलावा भजन कौर, जिन्होंने इस महीने अंताल्या में अंतिम तीरंदाजी ओलंपिक क्वालीफायर में व्यक्तिगत महिला कोटा जीता था, भी अपने पहले ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी। भजन का ट्रैक रिकॉर्ड शानदार है, उन्होंने चीन में एशियाई खेलों (2023) में कांस्य पदक, सीनियर नेशनल गेम्स (2023) में स्वर्ण पदक, यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप (2023) में स्वर्ण पदक और एशिया कप (2022) में दो स्वर्ण पदक जीते हैं। पेरिस में भी वह अपना सर्वश्रेष्ठ देने को तैयार हैं।
ओलंपिक में तीसरी भारतीय महिला खिलाड़ी अंकिता भक्त हैं, जो पेरिस में अपना ओलंपिक डेब्यू करेंगी। अंकिता के करियर ने 2014 में टाटा तीरंदाजी अकादमी के ट्रायल में चयन के बाद बेहतर मोड़ लिया और दो साल के भीतर उन्होंने 2016 में चीनी ताइपे में एशिया कप विश्व रैंकिंग टूर्नामेंट में भारत के लिए पदार्पण किया और टीम स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद अंकिता ने भजन कौर और सिमरनजीत कौर के साथ एशियाई खेलों में 13 साल बाद महिला रिकर्व स्पर्धा में भारत को कांस्य पदक दिलाया था, जो ग्वांग्झू खेलों 2010 के बाद ओलंपिक रिकर्व वर्ग में देश का पहला पदक था।
वहीं, तरुणदीप राय, धीरज बोम्मादेवरा और प्रवीण जाधव पेरिस 2024 ओलंपिक में भारत का नेतृत्व करेंगे। इन तीनों ने शंघाई में तीरंदाजी विश्व कप चरण-1 में शीर्ष रैंकिंग वाली कोरिया को हराकर पहली बार स्वर्ण पदक जीता था, और इन तीनों से इस बार भी ऐसी ही उम्मीद होगी। दूसरी तरफ, 2024 के तीरंदाजी विश्व कप में, चीनी महिला टीम ने शंघाई और येचेओन में दक्षिण कोरिया पर दो जीत हासिल की। चीन का लक्ष्य पेरिस में फिर से दक्षिण कोरिया को चुनौती देना है, जिसमें महिला टीम के लिए ली जियामन, यांग शियाओली और एन किक्सुआन और पुरुष टीम के लिए वांग यान, ली झोंगयुआन और काओ वेनचाओ को मैदान में उतारा गया है।
उपर्युक्त प्रतियोगियों के अलावा, ब्राजील के मार्कस डी'अल्मेडा, जिन्हें 2023 में विश्व तीरंदाजी महासंघ द्वारा वर्ष का सर्वश्रेष्ठ तीरंदाज नामित किया गया है, और तुर्की के मेटे गाज़ोज़, जो व्यक्तिगत ओलंपिक चैंपियन हैं, भी प्रबल दावेदार होंगे। पेरिस ओलंपिक में तीरंदाजी में पुरुष टीम, महिला टीम, पुरुष एकल, महिला एकल और मिश्रित टीम स्पर्धाओं में पाँच स्वर्ण पदक दिए जाएँगे। प्रतियोगिताएँ 25 जुलाई से 4 अगस्त तक एस्प्लेनेड डेस इनवैलिड्स में आयोजित की जाएँगी।