नई दिल्ली
खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी के चलते जून में रिटेल महंगाई बढ़कर 5.08% पर पहुंच गई है। मई में महंगाई दर 4.75% रही थी। इससे पहले अप्रैल में महंगाई दर 4.85% रही थी। सांख्यिकी मंत्रालय ने जून महीने के लिए खुदरा महंगाई दर के आंकड़े शुक्रवार, 12 जुलाई को घोषित किए हैं।
क्या है डिटेल
आंकड़ों के अनुसार जून में अधिकांश खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि हुई है। जून में खाद्य पदार्थों की मंहगाई बढ़कर 9.36 प्रतिशत हो गई जबकि इस साल मई में यह 8.69 प्रतिशत रही थी। पिछले साल जून में यह 4.35 प्रतिशत रही थीं। जून 2024 में शहरी क्षेत्रों में खुदरा महंगाई ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में कुछ नरम रही जबकि खाद्य पदार्थों की मंहगाई शहरी क्षेत्रों में अधिक रही। इस महीने में सब्जियों के साथ ही मांस, मछली, आंडों, दाल और उसके उत्पादों के साथ ही विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में भी तेजी रही। दूध की कीमतें भी बढ़ी है।
RBI की बढ़ेगी टेंशन!
आपको बता दें कि सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को यह सुनिश्चित करने का दायित्व सौंपा हुआ है कि खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर बनी रहे। आरबीआई नीतिगत दरों पर फैसला करते समय खुदरा मुद्रास्फीति को ही मुख्य तौर पर ध्यान में रखता है। रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के 4.5 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया है। पहली तिमाही में इसके 4.9 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 3.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है।
खनन और बिजली क्षेत्रों के अच्छे प्रदर्शन के कारण इस साल मई में देश का इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन 5.9 प्रतिशत बढ़ा। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन इंडेक्स (IIP) पर आधारित इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन मई 2023 में 5.7 प्रतिशत बढ़ा था। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक मई 2024 में खनन उत्पादन 6.6 प्रतिशत और बिजली उत्पादन 13.7 फीसदी बढ़ा। आंकड़ों के मुताबिक इस साल मई में विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन की वृद्धि दर घटकर 4.6 प्रतिशत रह गई, जो इस साल पहले इसी माह में 6.3 प्रतिशत थी। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-मई के दौरान औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि 5.4 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी अवधि में 5.1 प्रतिशत थी।