लखनऊ
पूर्वांचल में एक बार फिर से गुड़ उत्पादन का हब बनेगा। किसानों में गन्ने की खेती के प्रति रुझान बढ़ा है। यही वजह है कि आजमगढ़ समेत आसपास के पांच जनपदों में खेती का दायरा बढ़ गया है। पिछले साल के मुकाबले इस बार इन जनपदों में गन्ने का रकबा करीब 2700 हेक्टेयर बढ़ा है। पिछले साल 12500 हेक्टेयर में खेती हुई थी। इस साल 15200 हेक्टेयर में किसानों ने बुवाई की है।
आजमगढ़ के साथ ही मऊ, गाजीपुर, जौनपुर और वाराणसी के किसान आजमगढ़ के सठियांव चीनी मिल को गन्ना की आपूर्ति करेंगे। मिल में गन्ना आपूर्ति के लिए परिक्षेत्र के पांच जनपदों में हर साल गन्ना बुवाई का सर्वेक्षण कराया जाता है।
इसके लिए गन्ना सुपरवाइजर के नेतृत्व टीमों का गठन किया गया था। टीमों ने किसानों के खेत में जाकर जीपीएस सर्वे किया। प्लाट पर जाकर उसका क्षेत्रफल, गन्ना की बुवाई और देखरेख समेत सभी पहलुओं की जांच कर किसानों को पर्ची दी। यह सर्वेक्षण आजमगढ़ सहित मऊ, गाजीपुर, जौनपुर और वारणसी में किया गया।
हाल के वर्षों पहली बार बड़े पैमाने पर बुवाई
हाल के वर्षों में यह पहला मौका है जब इतने बड़े पैमाने पर गन्ने की बुवाई हुई है। पिछले तीन वर्षों का आंकड़ा देखा जाए तो इस बार सबसे अधिक क्षेत्रफल में गन्ना की फसल की बुवाई हुई है। 2024-25 में 15200 हेक्टेयर में गन्ना लगा है। पेराई सत्र 2023-24 में 12500 हेक्टेयर तथा पेराई सत्र 2022-23 में 10300 सौ हेक्टेयर में गन्ना की फसल की बुवाई हुई थी।
गुड़ के साथ चीनी और शीरा का भी होगा भरपूर उत्पादन
बड़े पैमाने पर गन्ने की बुवाई होने के बाद पूर्वांचल के अलग-अलग जिलों में गुड़ का भरभूर उत्पादन होगा। पहले भी यहां गन्ना से काफी मात्रा में देसी गुड़ तैयार किया जाता था, लेकिन बीच में किसानों ने खेती कम कर दी थी। सठियांव मिल में चीनी का उत्पादन 247000 जबकि शीरा का उत्पादन 193000 क्विंटल हुआ है। अब गन्ना का दायरा बढ़ने के बाद चीनी और शीरा का उत्पादन और बढ़ जाएगा।
चीनी मिल सठियांव मुख्य गन्ना अधिकारी त्रिलोकी सिंह ने बताया कि गन्ना सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लिया गया है। सर्वे के अनुसार गन्ना बुवाई का रकबा बढ़ा है। गन्ना उत्पादन ठीक हुआ तो मिल का भी प्रदर्शन अच्छा होगा। किसानों के लिए भी फायदेमंद होगा।