जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर के केरन सेक्टर में सेना ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी। सुरक्षा बलों ने रविवार को 3 आतंकवादियों को मार गिराया। सेना ने कहा कि अंतिम जानकारी मिलने तक घुसपैठ रोधी अभियान जारी था। श्रीनगर स्थित सेना की चिनार कोर ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, 'केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर जारी घुसपैठ रोधी अभियान में तीन आतंकवादी मारे गए हैं। साथ ही हथियार और अन्य युद्ध सामग्री भी बरामद की गई हैं।' हालांकि, मारे गए दहशतगर्दों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की ओर से संरक्षण और समेकन की रणनीति अपनाई गई है। सुरक्षा एजेंसियां फिलहाल इसी तरह के छिपे हुए खतरे से जूझ रही हैं। यह खतरा उत्तरी कश्मीर और कठुआ जिले में हाल ही में घात लगाकर किए गए हमलों और मुठभेड़ों में स्पष्ट प्रतीत होता है। मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने घात लगाकर किए गए हमलों और आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ों का विश्लेषण किया है। इस आधार पर उन्होंने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं, लेकिन जमीनी स्तर की मानव खुफिया जानकारी के अभाव में ऐसे आतंकवादियों के खिलाफ अभियान में बाधा आ रही है।
सुरक्षा अधिकारियों को गुमराह करने के प्रयास
तकनीकी खुफिया जानकारी पर पूरी तरह निर्भरता फलदायी नहीं रही है, क्योंकि आतंकवादी अधिकारियों को गुमराह करने के लिए ऑनलाइन गतिविधियों का इस्तेमाल करते हैं। अधिकारियों को लगता है कि विदेशी आतंकवादियों का मुकाबला करने के लिए विशेष रूप से जम्मू क्षेत्र में निगरानी बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता है। अपने शांतिपूर्ण माहौल के लिए परिचित इस क्षेत्र, खासकर पुंछ, राजौरी, डोडा और रियासी जैसे सीमावर्ती जिलों में आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। भारतीय वायुसेना के काफिले, तीर्थयात्रियों की बस पर हमले और कठुआ में सैनिकों की हाल ही में हत्या से यह उभरता खतरा सामने नजह आता है।