भोपाल
भविष्य में मध्य प्रदेश के पांच बड़े शहरों में लार्ज स्केल पर ट्रांसपोर्ट सुविधा की जरूरत को पूरा करने के लिए शहरी मंत्रालय की एजेंसी 'अर्बन मास ट्रांसपोर्ट कंपनी' ने शुरू किया है. इससे यहां की ट्रांसपोर्ट सुविधाओं को आसान और तेज बनाने में मदद मिलेगी. इसके तहत ट्रांसपोर्ट सुविधा की प्लानिंग के लिए Comprehensive Mobility Plan पर एक रिसर्च किया है. इसमें रिसर्च में इंदौर, राजधानी भोपाल सहित ग्वालियर, उज्जैन और जबलपुर को शामिल किया गया है.
5 साल में ट्रांसपोर्ट समीक्षा का है नियम
इस रिसर्च के नतीजे इंदौर और भोपाल में मेट्रो सुविधाओं के विस्तार के लिए कारगर साबित होंगे. सूत्रों से मिली जानकारी मुताबिक, शहरी विकास मंत्रालय के दिशा-निर्देशों में अब बड़े पैमाने पर फास्ट ट्रांसपोर्टेशन को लेकर हर पांच साल में ट्रांसपोर्ट फैसिलिटी की समीक्षा करने का प्रावधान है.
इसकी वजह यह है कि पांच साल में शहर कई मोर्चे पर अलग-अलग ढंग आगे बढ़ता है और इसके लिए यहां पर परिवहन सुविधाओं की जरूरत होती है.
30 साल की जरुरत को पूरा करेगी रिसर्च
मेट्रो के लिए राजधानी भोपाल और इंदौर का सर्वेक्षण करीब दस साल पहले किया गया था और इस संबंध में काम पहले ही तय हो चुके हैं. रिसर्च रिपोर्ट अगले 30 सालों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार की जाएगी. साथ ही जहां बड़े पैमाने पर फास्ट ट्रांसपोर्ट सुविधाओं की जरूरत है उन्हें खोजा जायेगा.
राज्य सरकार को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
लगभग एक साल से चल रहा यह Mobility Plan सर्वे अगले छह महीनों में पूरा होने की उम्मीद है. ग्वालियर शहर का सर्वे बहुत पहले किया गया था, इसके उलट भोपाल में एक नया सर्वे अभी शुरू हुआ है.
सर्वे पूरा होने के बाद फाइनल रिपोर्ट राज्य सरकार को दी जाएगी. रिसर्च के आधार पर दिए गए सुझावों को अगर सरकार जरूरी मानती है, तो इसकी एक DPR भी तैयार की जाएगी. रिपोर्ट में उन शहरों का नाम भी सुझाया जाएगा, जहां केबल कार या मेट्रो चलाई जा सकती है.