राज्यों से

देश का पहला हाइड्रोजन क्रूज जल्द कराएगा लोगों को गंगा की सैर

वाराणसी
यूपी के वाराणसी में देश के पहले हाइड्रोजन जलयान को चलाने की तैयारी कर ली गई है। कोच्चि में बनकर तैयार हुआ यह शिप जल्द ही वाराणसी पहुंचेगा। इसे पर्यटन विभाग को सौंपा जाएगा। पर्यटन विभाग इस 50 सीटर शिप को वाराणसी से चुनार के बीच चलाएगा। प्रदूषणमुक्त और पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से इस शिप के संचालन की योजना बनाई गई है।

बता दें पिछले कई दिनों से यह शिप गाजीपुर में फंसा था। गंगा नदी में पानी कम होने से यह स्थिति बनी। अब गंगा का जलस्तर बढ़ने से एक बार फिर इस शिप को वाराणसी के लिए रवाना किया गया। इस शिप की सुविधा का लाभ आम पर्यटक भी उठा सकेंगे। हाइड्रोजन शिप कोलकाता से वाराणसी लाया जा रहा है। इसे गंगा नदी के रास्ते वाराणसी तक पहुंचना है। आईडब्ल्यूएई के अधिकारियों के मुताबिक अगले एक से दो दिनों में इसके वाराणसी पहुंचने की उम्मीद है।

कोच्चि शिपयार्ड से समुद्री से होते हुए यह शिप कोलकाता पहुंचा। वहां से गंगा नदी के रास्ते हाइड्रोजन फ्यूल चलित डबल डेकर कटा मेरान पर्यटक जलयान शनिवार की सुबह वाराणसी के लिए रवाना किया गया। जलमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक इस जलयान को करीब एक माह पहले कोच्चि शिपयार्ड से पेरियार-3 और फेसकी-2 के साथ रवाना किया गया। इन दोनों जलपोतों के साथ हाइड्रोजन शिप करीब 2000 किलोमीटर की समुद्री यात्रा पूरी कर 13 जून को कोलकाता पहुंचा। इसके बाद गंगा नदी के रास्ते इसे वाराणसी के लिए रवाना किया गया।

हाइड्रोजन शिप में 50 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। यह शिप दो मंजिला है। हाइड्रोजन शिप करीब 28 मीटर लंबा और 5.8 मीटर चौड़ा है। इसका वजन करीब 20 टन है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदूषण रहित हाइड्रोजन जलयान को वाराणसी लाया जा रहा है। इसे वाराणसी से चुनार के बीच चलाए जाने की योजना है। इसे 20 से 25 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलाया जा सकता है। इसके निर्माण पर करीब 10 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।

कोलकाता से आ रहा है वाराणसी

हाइड्रोजन शिप कोलकाता से वाराणसी लाया जा रहा है। इसे गंगा नदी के रास्ते वाराणसी तक पहुंचना है। हालांकि, गंगा नदी में पानी का स्तर कम होने के कारण यह शिप गाजीपुर के हमीद सेतु के पास कई दिनों से रुका हुआ था। आईडब्ल्यूएई के अधिकारियों के अनुसार, अगले एक से दो दिनों में इसके वाराणसी पहुंचने की उम्मीद है।

कोच्चि शिपयार्ड से समुद्री मार्ग से होते हुए यह शिप कोलकाता पहुंचा था। वहां से गंगा नदी के रास्ते नवनिर्मित हाइड्रोजन फ्यूल चलित डबल डेकर कटा मेरान पर्यटक जलयान शनिवार की सुबह वाराणसी रवाना हुआ। जलयान लाने के लिए वाराणसी से एक सर्वेयर जलयान शुक्रवार शाम गाजीपुर पहुंचा था।

एक माह पहले कोच्चि से चला था शिप

जलमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, इस जलयान को करीब एक माह पहले कोच्चि शिपयार्ड से पेरियार-3 और फेसकी-2 के साथ रवाना किया गया। इन दोनों जलपोतों के साथ हाइड्रोजन शिप करीब 2000 किलोमीटर की समुद्री यात्रा पूरी कर 13 जून को कोलकाता पहुंचा। इसके बाद गंगा नदी के रास्ते इसे वाराणसी के लिए रवाना किया गया।

50 यात्रियों के बैठने की है व्यवस्था

हाइड्रोजन शिप पर 50 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। यह शिप दो मंजिला है। हाइड्रोजन शिप करीब 28 मीटर लंबा और 5.8 मीटर चौड़ा है। इसका कुल वजन करीब 20 टन है। आईडब्लूएआई के कार्यालय प्रभारी आरसी पांडेय के अनुसार, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदूषण रहित हाइड्रोजन जलयान को वाराणसी लाया जा रहा है। इसे वाराणसी से चुनार के बीच चलाए जाने की योजना है।

25 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार

हाइड्रोजन जलयान को 20 से 25 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलाया जा सकता है। यह शिप पूरी तरह से हाइड्रोजन से संचालित होगा। इसके निर्माण पर करीब 10 करोड़ रुपए खर्च आए हैं। इस शिप के लिए वाराणसी में एक हाइड्रोजन प्लांट भी लगाया जा रहा है। वाराणसी पहुंचने के बाद इस हाइड्रोजन फ्यूल से चलने कटा मेरान जलयान को पर्यटन विभाग को हैंडओवर किया जाएगा। पर्यटन विभाग इस शिप का संचालन करेगा।

 

 

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com