भोपाल
आग बुझाने वाले बचावकर्मियों को पहली बार बाडी जैकेट दिए जाएंगे। अच्छी गुणवत्ता वाले मास्क भी खरीदे जा रहे हैं। राज्य शासन ने दो दिन पहले ही इसके लिए 70 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। होमगार्ड के अधिकारियों ने बताया कि 200 ऐसी जैकेट खरीदने की तैयारी है। 5 इस प्रकार की खरीदी जाएंगी, जो आग की लपटों से घिरे लोगों को निकालने के दौरान बचाव कर्मचारी पहनेंगे। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में आग से बचाव करने वाले SDRF के दल को एक-एक जैकेट दी जाएगी। यह एक जैकेट लगभग पांच लाख रुपये में आती है। एक बार ही उपयोग की जा सकती है।
महंगी होने के कारण अधिक मात्रा में नहीं खरीदी जा रही है। इसके अतिरिक्त ऑक्सीजन मास्क खरीदे जा रहे हैं। बाढ़ आपदा से निपटने के लिए नाव, लाइफ जैकेट आदि की खरीदी की जा रही है। अभी तक आग बुझाने और बचाव का कार्य नगर निगम और पुलिस का फायर अमला करता रहा है। बीत वर्ष में भोपाल में सतपुड़ा भवन में आग लगने के बाद गृह विभाग ने तय किया है कि एसडीआरएफ का दल भी आग से बचाव के लिए तैयार किया जाएगा। एसडीआरएफ के पहले से चार डिवीजन इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर के बाद अब उज्जैन को भी सम्मिलित कर आग से बचाव के लिए 40-40 कर्मचारियों वाला बचाव दल पदस्थ किया जाएगा।
इन्हें बाडी जैकेट दी जाएंगी। हालांकि, इन जैकेट की कीमत दो से तीन लाख के बीच ही हैं। उपकरणों की खरीदी जल्द प्रारंभ की जाएगी। बता दें कि प्रदेश में भूस्खलन की घटनाएं भले ही नहीं होतीं लेकिन राज्य आपदा मोचन बल में राहत एवं बचाव का कार्य करने वाले कर्मचारी-अधिकारी अभी तक इसका पाठ भी सभी आपदाओं के समान ही पढ़ते आ रहे थे। प्रशिक्षण भी पाठ्यक्रम के अनुरूप लेते थे। हाल में सरकार ने पाठ्यक्रम में संशोधन कर औद्योगिक आपदा, प्राकृतिक आपदा को इसका मुख्य हिस्सा बनाया है। हरदा में पटाखा फैक्ट्री में आग सहित कई घटनाएं होने के बाद औद्योगिक आपदा पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। दूसरा, आग और बाढ़ से निपटने के लिए एसडीआरएफ को साधन संपन्न बनाने के लिए अत्याधुनिक उपकरणों की खरीदी की जा रही है।