नई दिल्ली
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आतंकी हमले में अमेरिकी राइफलों के इस्तेमाल की बात सामने आई है। पिछले कुछ वर्षों से आतंकवादी अमेरिका निर्मित एम-4 कार्बाइन असॉल्ट राइफलों का इस्तेमाल करते मिले हैं। इसके बाद सेना ने चिंता जाहिर की हैं कि आतंकियों से पार पाना बेहद मुश्किल होगा। खास बात यह है कि अमेरिका में बनीं इन घातक राइफलों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ हो रहा है। वहीं, कई आतंकी हमलों में चीन में बनी बुलेट्स का भी इस्तेमाल हुआ है।
चीन के बने अल्ट्रा सेट भी जब्त हुए थे
इसके पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ों में ज्यादा एडवांस चीनी टेलीकम्यूनिकेशन इक्विपमेंट ‘अल्ट्रा सेट’ जब्त किया गया है। दरअसल, पाकिस्तानी सेना द्वारा इस्तेमाल होने वाला यह उपकरण आतंकवादी समूहों के हाथों में पहुंच गया है। इससे नियंत्रण रेखा के पार से होने वाली घुसपैठ और शहरों और गांवों के बाहरी इलाकों में आतंकवादियों के संभावित रूप से रहने की चिंता भी पैदा हो गई है। इन संदेशों को हैंडसेट से पाकिस्तान स्थित मास्टर सर्वर तक चीनी सैटेलाइट का इस्तेमाल किया जाता है, संदेशों को बाइट्स में छोटा करके भेजा जाता है।
डिफेंस जानकार जेएस सोढ़ी बताते हैं कि पाकिस्तान ने पंजाब में आतंकवाद का समर्थन किया था। जम्मू-कश्मीर में पिछले 35 साल से वह आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। बीते 5 साल में एक बार ही यानी 24 जून, 2021 को सभी राजनीतिक दलों ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को लेकर व्यापक चर्चा की थी। वहीं, सीमा विवाद को लेकर चीन के साथ इसी दौरान 21 बार बातचीत हुई।