उज्जैन
मध्य प्रदेश के पहले रोड रोपवे प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार से मंजूरी मिल गई है। इसके लिए केंद्र सरकार और मध्य प्रदेश सरकार के बीच में नई दिल्ली में एक करार हुआ। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और मध्य प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के मंत्री राकेश सिंह की उपस्थिति में नई दिल्ली में उज्जैन महाकाल मंदिर रोपवे प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है।
100 करोड़ के प्रोजेक्ट की समीक्षा
नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट कंपनी की ओर से सीईओ प्रकाश गौड़ और मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम की ओर से प्रबंध संचालक अविनाश लवानिया ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किया। मंत्री नितिन गडकरी ने मध्य प्रदेश में लगाए जा रहे 100 करोड रुपए की लागत वाले इस प्रोजेक्ट की समीक्षा भी की। उसके बाद इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी गई।
75 प्रतिशत बचेगा समय
आपको बता दें कि उज्जैन में महाकाल मंदिर तक रोपवे प्रोजेक्ट प्रस्तावित है। जिसकी लंबाई 1.7 किलोमीटर रहेगी। इस रोप वे के माध्यम से करीब 64000 श्रद्धालुओं को सुविधा पूर्वक हर दिन महाकाल के दर्शन हो पाएंगे। मंदिर तक पहुंचाने के लिए लोगों को समय में 75% तक की बचत होगी, जहां सड़क से मंदिर तक पहुंचने में लोगों को 30 मिनट तक लग जाते हैं। ऐसे में यह रोप वे मात्र 7 मिनट में ही श्रद्धालुओं को महाकाल परिसर में पहुंचा देगा।
केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी के साथ हुई बैठक
इस रूप में प्रोजेक्ट में तीन स्टेशन रहेंगे और 13 टॉवर बनाए जाएंगे। मंगलवार को नई दिल्ली में हुई बैठक में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के मध्य प्रदेश में 18000 करोड रुपए की लागत की 28 प्रोजेक्ट की प्रगति की। समीक्षा बैठक के दौरान इंदौर के रोपवे प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई।
इस बैठक में मध्य प्रदेश के प्रोजेक्ट की प्रगति निर्माण कार्य में आने वाली समस्याएं देरी, भूमि अधिग्रहण, वन अनुमतियों जैसे कई मुद्दों पर भी विचार विमर्श हुआ। बैठक के दौरान सड़क निर्माण के लिए काटे जाने वाले पेड़ों की शिफ्टिंग करने की संभावनाओं पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जोर दिया। उन्होंने मध्य प्रदेश को रोड साइड ट्री प्लांटेशन पॉलिसी तैयार करने का सुझाव भी दिया। इसी बैठक के दौरान उज्जैन में प्रस्तावित रोपवे के लिए नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट कंपनी और मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम के बीच समझौता हुआ। पर्वतमाला प्रोजेक्ट के अंतर्गत हुए इस महत्वपूर्ण समझौते से एमपी में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।