पेरिस
ओलंपिक 2024 को शुरू होने में अब ज्यादा समय नहीं बचा है. यह गेम्स इस बार फ्रांस की राजधानी पेरिस में 26 जुलाई से 11 अगस्त तक होने हैं. मगर इन ओलंपिक गेम्स से पहले ही पेरिस की सीन नदी को लेकर विवाद काफी गहरा गया है. इस नदी को करीब 100 साल से गंदा माना जाता रहा है.
मगर इसी नदी में इस बार ओलंपिक के मैराथन तैराकी और ट्राइथलॉन जैसे कई इवेंट्स होने हैं. इसको लेकर शहर के लोगों ने जमकर विरोध जताया है. साथ ही इस नदी में पेशाब करने की धमकी तक दी थी.
65 साल की मेयर ने नदी में उतरकर की तैराकी
इसी बीच पेरिस की मेयर ने इस नदी में छलांग लगाकर विरोधियों के मुंह बंद कर दिए हैं. यह मेयर 65 साल की एने हिडालगो (Anne Hidalgo) ने बुधवार (17 जुलाई) को इस नदी में छलांग लगाई और खूब तैराकी भी की.
मेयर विरोधियों के जवाब देने के लिए पेरिस ओलंपिक के लिए बनाए गए आर्टिफिशियल पोंड में उतरी थीं. बताया जा रहा है कि फ्रांस के राष्ट्रपति एमैन्यूल मैक्रॉन (Emmanuel Macron) ने भी पेरिस ओलंपिक से पहले इस नदी में छलांग लगाने और तैराकी करने का ऐलान किया है. हालांकि यह तय नहीं है कि वह ऐसा कब करेंगे.
ओलंपिक के बाद भी नदी में तैराकी करेंगी मेयर
बता दें कि जब पेरिस की मेयर इस सीन नदी में तैराकी के लिए उतरीं तब उनके साथ 7 सुरक्षा नांव मौजूद थीं. इसके अलावा उनके साथ कुछ और तैराक भी नदी में उतरे थे. इन सभी ने सीन नदी में तैराकी करके बताया है कि यह नदी साफ है और इसमें गेम्स हो सकते हैं. ऐसे में अब लोगों का विरोध थमता दिख रहा है.
नदी में उतरने के बाद मेयर ने पत्रकारों से कहा, 'यह करने के बाद मुझे काफी अच्छा लग रहा है. यह मेरा सपना भी था, जो अब सच हो गया है. ओलंपिक गेम्स के बाद भी मैं यहां आउंगी और लोगों के लिए इस नदी में उतरकर तैराकी करूंगी. मैं यह फ्रांस के लोगों और पर्यटकों के लिए फिर करूंगी.'
पेरिस की सीन नदी गंदगी के लिए बदनाम
दरअसल, पेरिस की यह सीन नदी कई सालों से गंदी मानी जाती रही है. यही कारण है कि यहां 100 सालों से तैराकी पर प्रतिबंध लगा हुआ था. मगर इस बार फ्रांस सरकार ने पेरिस ओलंपिक के लिए मैराथन तैराकी और ट्राइथलॉन जैसे कुछ इवेंट्स को इसी नदी में कराने का फैसला किया गया.
ऐसे में इस सीन नदी को साफ करने के लिए 1.4 बिलियन यूरो (करीब 12.54 हजार करोड़ रुपए) से ज्यादा रकम खर्च की गई. इसके बावजूद पेरिस के कई लोगों का मानना है यह कि नदी अब भी काफी गंदी है और वो इसको लेकर गुस्से में हैं. उनका मानना है कि यह नदी अब भी ओलंपिक गेम्स कराने के लिए तैयार नहीं है.
कई संगठनों ने दी नदी में पेशाब करने की धमकी
लोगों का गुस्सा इस कारण भी है कि उनका मानना है कि नदी की सफाई के लिए बाकी मुद्दों को नजरअंदाज किया गया. नदी की सफाई के लिए बाकी जरूरी बजट में कटौती की गई थी. इन सबके बावजूद फायदा नहीं हुआ और नदी अब भी गंदी है. जब कई संगठनों ने विरोध जताते हुए सीन नदी में पेशाब करने की धमकी दी, तब कहीं जाकर सरकार हरकत में आई. अब मेयर ने इन विरोधियों के मुंह बंद कर दिए हैं.