नई दिल्ली/पटना
NEET पेपर लीक मामले में आज होनी वाली सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले सीबीआई को बड़ी सफलता हाथ लगी है. सीबीआई पेपर लीक गिरोह के सॉल्वर्स कनेक्शन तक पहुंच गई है और इस मामले में इस केंद्रीय जांच एजेंसी ने पटना एम्स के तीन डॉक्टरों को हिरासत में लिया है.
सीबीआई तीनों डॉक्टरों को पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई है और ये तीनों डॉक्टर 2021 बैच के मेडिकल स्टूडेंट्स हैं. CBI ने इन तीनों डॉक्टरों का कमरा भी सील कर दिया है और इनका लैपटॉप और मोबाइल फोन भी जब्त किया गया है.
CBI ने NEET पेपर लीक होने से लेकर उसे सेटिंग वाले अभ्यर्थियों तक पहुंचाने का पूरा नेटवर्क जोड़ा है. पेपर ले जाने वाले ट्रक से पर्चा उड़ाने वाले पंकज को भी सीबीआई पकड़ चुकी है जिसका हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल से कनेक्शन मिला था. हजारीबाग के इसी स्कूल से पेपर संजीव मुखिया तक पहुंचा था.
मंगलवार को दो लोगों की हुई थी गिरफ्तारी
मंगलवार को ही नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई ने ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था. सीबीआई ने पटना से पंकज कुमार और झारखंड के हजारीबाग से राजू सिंह नाम के शख्स को गिरफ्तार किया. पंकज पर हजारीबाग में ट्रक से से पेपर चोरी करने और आगे बांटने का आरोप है. वहीं राजू सिंह ने पेपर को आगे लोगों को देने में मदद की थी.
जानकारी के मुताबिक, पंकज सिविल इंजीनियर है और झारखंड के बोकारो का रहने वाला है. इसी ने हजारीबाग से ट्रंक से पेपर चोरी किया था और आगे बांटा था. वहीं, पेपर आगे बांटने में राजू सिंह ने मदद की थी. पंकज पेपर चोरी करने में मास्टरमाइंड है.सूत्रों के मुताबिक, पंकन कुमार उर्फ आदित्य कुमार ने ट्रंक से पेपर चोरी किया था और आगे अपने गैंग के लोगों बांटा था. एनटीए ने इसी ट्रक से पेपर अलग-अलग सेंटर्स तक पहुंचाया था.
सीबीआई ने दूसरी गिरफ्तारी राजू नाम के शख्स की की. राजू को झारखंड के हजारीबाग से गिरफ्तार किया है. राजू को पंकज के जरिए पेपर मिला और राजू ने भी पेपर बांटा था. NEET केस में ये दोनों गिरफ्तारी बेहद अहम मानी जा रही हैं. पंकज की गिरफ्तारी से ये पूरी तरह साफ हो गया की पेपर लीक हुआ था.
फरार है संजीव मुखिया, तलाश जारी
NEET पेपर लीक का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया अभी फरार चल रहा है, मुखिया पेपर लीक करवाने का सबसे बड़ा माफिया है, बिहार के अलावा देश के अलग अलग राज्यों में फैले पेपर लीक माफियाओं से संजीव मुखिया की सांठगांठ है, मुखिया कई पेपर लीक करवा चुका है.
क्या था पूरा मामला?
चार जून को नीट यूजी परीक्षा का परिणाम सामने आने के बाद से ही अभ्यर्थियों में खलबली मची हुई है. रिजल्ट देखने के बाद 67 टॉपर्स और एक ही सेंटर से 8 टॉपर का नाम लिस्ट में देखने के बाद छात्रों को परीक्षा में धांधली का संदेह था. इसके बाद छात्रों ने सड़कों से लेकर सोशल मीडिया पर एनटीए के खिलाफ जांच की मांग उठाई. सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गईं और इस बीच कोर्ट के सामने एनटीए ने फैसला लिया कि वह ग्रेस मार्क्स वाले कैंडिडेट्स का दोबारा एग्जाम करवाएंगे. 23 जून को परीक्षा हुई और टॉपर 67 से घटकर 61 हो गए
2021 बैच के 4 मेडिकल स्टूडेंट्स हिरासत में
विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हिरासत में लिए गए तीन डॉक्टर वर्ष 2021 बैच के मेडिकल स्टूडेंट्स हैं, जबकि एक अन्य वर्ष 2022 का मेडिकल स्टूडेंट्स है। सभी पटना एम्स में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। पेपर लीक मामले में छानबीन के लिए जब सीबीआई की टीम पटना एम्स में पहुंची और हॉस्टल में उनके कमरों की तलाशी लेने के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया। हिरासत में लेकर चारों डॉक्टरों को सीबीआई ले जाने लगी तो मेडिकल स्टूडेंट्स इसको लेकर के विरोध भी करने लगे। लेकिन एम्स प्रशासन के हस्तक्षेप और जांच अधिकारियों के समझाने के बाद सीबीआई की टीम चारों को अपने साथ ले गई। इनके पास से लैपटॉप और मोबाइल को भी जांच के लिए जब्त कर लिया है। चारों को हिरासत में लेने के बाद सीबीआई तीनों को अपने साथ पूछताछ करने के स्थान पर ले गई। जांच अधिकारियों ने घंटों तक उनसे पूछताछ की। फिलहाल सीबीआई की टीम तीनों को अपने हिरासत में रखकर लगातार पूछताछ कर रही है। इसके अलावा उनके लैपटॉप और मोबाइल की भी छानबीन की जा रही है।
पेपर लीक मामले के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश
जांच अधिकारी पेपर लीक होने से लेकर उसे सेटिंग वाले अभ्यर्थियों तक पहुंचाने के पूरे नेटवर्क के बारे पता लगाने में जुटे हैं। इस मामले में हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल से कनेक्शन मिला था। दावा किया जा रहा है कि हजारीबाग के इसी स्कूल से पेपर मास्टरमाइंड संजीव मुखिया तक पहुंचा था