नई दिल्ली
भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने हाल ही में अमेरिका में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले का जिक्र करते हुए आरोप लगाया है कि भारत में कांग्रेस पार्टी के नेता लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ हिंसा के लिए उकसाने वाली भाषा का प्रयोग कर देश में ऐसा ही माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने वर्ष 2007 में सोनिया गांधी द्वारा गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए मौत का सौदागर जैसे शब्द इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए यहां तक कहा कि देश में आपातकाल लगा कर लोकतंत्र की हत्या करने करने वाली कांग्रेस की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तक के लिए भी भाजपा ने कभी मौत जैसे शब्द का प्रयोग नहीं किया था।
भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यह मामला दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काफी संवेदनशील है। देश के एक वरिष्ठ सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी ने देश के एक प्रमुख अंग्रेजी समाचार पत्र में एक लेख लिखकर, वर्तमान समय में विश्व में सुरक्षा को लेकर हो रही गतिविधियों और भारत पर उसके पड़ने वाले प्रभाव की ओर ध्यान आकृष्ट किया है। त्रिवेदी ने आगे कहा कि यह सभी को मालूम है कि एक-डेढ़ वर्ष पहले जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की एक राजनीतिक कार्यक्रम में हत्या कर दी गई थी। कुछ दिन पहले अमेरिका में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की हत्या का प्रयास किया गया।
उस जानलेवा हमले में डोनाल्ड ट्रंप बाल बाल बचे। लेख का हवाला देते हुए भाजपा प्रवक्ता ने आगे कहा कि उनका कहना है कि इस प्रकार की प्रवृत्तियां जो हत्या और हिंसा को उकसाती हैं, ये कहीं न कहीं उन बयानों से प्रेरित हो जाती हैं, जहां राजनीतिक दल अपने तात्कालिक राजनीतिक स्वार्थ में शॉर्ट टर्म राजनीतिक लाभ के लिए हिंसा और हत्या के शब्दों का प्रयोग करते हैं। एक दुखद परन्तु चिंताजनक बात ये है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ इस प्रकार के शब्दों का प्रयोग, साफ शब्दों में कहा जाए तो पीएम मोदी के खिलाफ हिंसा के लिए उकसाने वाली भाषा का प्रयोग निरंतर किया जा रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी के लिए कई बार अपमानजक शैली में इस तरह की भाषा का प्रयोग किया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री समेत कांग्रेस के कई नेता पीएम मोदी के लिए मौत जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते रहते हैं। मौत और हिंसा जैसे शब्दों का प्रयोग राजनीतिक बयानों में नहीं होना चाहिए, लेकिन कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने पीएम मोदी के लिए इस प्रकार की मौत और उस प्रकार की मौत जैसे शब्दों का प्रयोग किया। उन्होंने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ बताते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस लंबे समय से ऐसा ही करती आई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने इशरत जहां एनकाउंटर मामले में सीबीआई पर दबाव डालकर उसे यूटर्न लेने पर मजबूर कर दिया था। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले पटना में होने वाली रैली में क्या हुआ था? वर्ष 2021 में पंजाब के दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा को किस तरह से खतरे में डाला गया था और उस समय पंजाब की तत्कालीन कांग्रेस सरकार और कांग्रेस नेताओं का रवैया कैसा था?
उन्होंने मोदी सरकार के कार्यकाल में राहुल गांधी की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता होने का दावा करते हुए कहा कि राहुल गांधी मोदी सरकार के कार्यकाल में कश्मीर और मणिपुर तक का दौरा कर चुके हैं। त्रिवेदी ने राहुल गांधी समेत कांग्रेस नेताओं को हिंसा और हत्या जैसे शब्दों का प्रयोग बंद करने की नसीहत देते हुए कहा कि दुनिया में इसके उदाहरण दिख रहे हैं, भारत में इसके परिणाम खतरनाक हो सकते हैं। अगर वे (राहुल गांधी) लोकसभा में विपक्ष के नेता बने हैं, तो उत्साह से उच्छृंखलता और उच्छृंखलता से उदंडता की ओर नहीं जाएं बल्कि परिपक्वता का प्रदर्शन करें। हार के उत्साह से बाहर आकर उन्हें समझदारी का परिचय देना चाहिए।
ये मोहब्बत की दुकान में हिंसा और हत्या जैसे शब्द कहां से आ रहे हैं? अगर कोई व्यक्ति इसे समझ नहीं पा रहा है तो वो भारत की राजनीति में नेतृत्व करने में सक्षम नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने कभी भी किसी भी राजनेता के लिए मौत की कामना नहीं की। पीएम मोदी के प्रति उनके (कांग्रेस नेताओं) मन में नफरत की भावना है लेकिन इसके कारण उन्हें लोगों को उकसाना नहीं चाहिए। राजनीति अपनी जगह है लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा और नेताओं की जान पर खतरे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। राहुल गांधी जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह बंद होनी चाहिए।