लखनऊ
उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता मोहसिन रजा ने कांवड़ यात्रा के रास्ते में आने वाली दुकानों में मालिकों का नाम लगाने के विवाद पर कहा कि विपक्ष तुष्टीकरण की राजनीति कर रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ की पिछली सरकार में अल्पसंख्यक राज्यमंत्री रहे मोहसिन ने कहा कि असल में कांवड़ यात्रा का विरोध हो रहा है। उन्होंने मुसलमानों से कहा कि वो कांवड़ियों को पानी पिलाएं, कांवड़ यात्रा पर फूल बरसाएं क्योंकि ये सौहार्द का विषय है। यूपी में मोहर्रम के शांतिपूर्ण संपन्न होने का जिक्र कर रजा ने कहा कि यूपी में बड़े पैमाने पर कांवड़ यात्रा निकलती है। राज्य में सुरक्षा चाक-चौबंद हो, इसके लिए सीएम योगी गंभीर रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियां जैसा फीडबैक देती हैं, सरकार वैसा एक्शन लेती है।
मोहसिन रजा ने कहा कि आस्था की दृष्टि से किसी को कोई परेशानी ना हो, किसी को अपनी पहचान छुपाने की जरूरत नहीं है, सरकार सुरक्षा भी दे रही है, व्यवस्था भी दे रही है। उन्होंने कहा कि ये एक अच्छी पहल है और इसका स्वागत करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि जब सपा सरकार थी तो जन्माष्टमी कई जगह बंद कर दी गई थी। मसला ये नहीं है कि अखिलेश यादव क्या कह रहे हैं या असदुद्दीन ओवैसी क्या कह रहे हैं, ये सारा विरोध कांवड़ यात्रा का विरोध है। मोहिसन रजा ने कहा कि सबकी सुरक्षा और सबकी आस्था के साथ एक अच्छे माहौल में कांवड़ यात्रा संपन्न हो, इस दृष्टि से योगी आदित्यनाथ सरकार ने यह कदम उठाया है। मोहसिन ने कहा कि हिन्दू और मुसलमान की राजनीति तो विपक्ष करता है। भाजपा सिर्फ राष्ट्रहित की राजनीति करती है और राष्ट्र के लोगों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए सरकार चलाती है।
बताते चलें कि सबसे पहले मुजफ्फरनगर में पुलिस ने होटल, ढाबा, फल समेत खान-पान की दुसरी दुकानों के मालिकों को अपना और स्टाफ का नाम लिखने कहा था। बाद में शामली और सहारनपुर पुलिस ने भी इस तरह का निर्देश दिया। इन इलाकों में मुसलमानों को काम से हटाने की खबरें आ रही हैं। कोई खुलकर नहीं कह रहा लेकिन माना जा रहा है कि इस निर्देश का मकसद कांवड़ियों को स्पष्ट सूचना उपलब्ध कराना है कि जिस होटल या ढाबा में वो खा रहे हैं या जहां से फल ले रहे हैं, उसे कौन बेच रहा है। कांवड़ यात्रा में ग्राहक और दुकानदार के बीच धर्म में अंतर की वजह से विवाद की खबरें आती रही हैं। हिन्दूवादी संगठन यात्रा के दौरान ऐसी व्यवस्था की मांग कर रहे थे जिससे दुकानदार की पहचान हो सके।
अखिलेश यादव, मायावती और असदुद्दीन ओवैसी समेत विपक्ष के कई नेताओं के विरोध के बाद गुरुवार को मुजफ्फरनगर पुलिस ने कहा था कि ये निर्देश कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पहले भी जारी होता रहा है और स्वैच्छिक है। लेकिन शुक्रवार की सुबह सीएम योगी ने पूरे यूपी में कांवड़ यात्रा मार्ग पर खान-पान की दुकानों पर मालिक का नाम लिखने का आदेश दे दिया। इस आदेश का केंद्र की एनडीए सरकार में शामिल भाजपा की सहयोगी पार्टी जेडीयू और आरएलडी ने विरोध किया है। जेडीयू ने जहां इसकी समीक्षा की मांग की है वहीं पश्चिमी यूपी में मजबूत आधार रखने वाली आरएलडी ने इस आदेश को असंवैधानिक बताते हुए वापस लेने की मांग की है।