नई दिल्ली
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने रविवार को सर्वदलीय बैठक में हुई चर्चा को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जानकारी शेयर की। इस पर भाजपा ने कांग्रेस नेता को खरी-खरी सुनाई और पार्टी को बड़ी नसीहत भी दे डाली। दरअसल, जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि सर्वदलीय बैठक में कुछ क्षेत्रीय दलों ने अपने-अपने राज्यों के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग की। इनमें केंद्र की एनडीए सरकार में सहयोगी दल भी शामिल रहे।
आरोप लगाया गया कि जयराम रमेश ने सर्वदलीय बैठक के बीच ही सारी जानकारियां सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर कर दी। जिसके बाद भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस नेता पर जमकर निशाना साधा। इसके साथ ही उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस को इन बैठकों के लिए ज्यादा अनुभवी लोगों को भेजने पर विचार करना चाहिए।
अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि इन सभी पार्टियों की बैठकों में एक निश्चित शिष्टाचार और प्रोटोकॉल होता है। विचारों का स्वतंत्र और स्पष्ट आदान-प्रदान होता है और उसके बाद मीडिया ब्रीफिंग होती है। लेकिन, जयराम रमेश की टाइमलाइन पर नज़र डालें तो ऐसा लगता है कि वे कार्यवाही को लाइव पोस्ट कर रहे थे। अगली बार, कांग्रेस को इन बैठकों के लिए ज़्यादा अनुभवी लोगों को भेजने पर विचार करना चाहिए।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बड़ा दावा करते हुए कहा, ''रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आज हुई सर्वदलीय बैठक में जदयू ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। हैरानी की बात यह है कि टीडीपी नेता इस मामले पर चुप रहे।''एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा, "राजनीतिक परिदृश्य किस तरह बदल गया है। सर्वदलीय बैठक में बीजू जनता दल के नेता ने रक्षा मंत्री (राजनाथ सिंह) और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को याद दिलाया कि भाजपा ने 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले अपने घोषणापत्र में ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा किया था।"
बता दें कि रविवार को संसद के बजट सत्र से पहले केंद्र सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सरकार की तरफ से राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान सहित कई मंत्री मौजूद रहे। कांग्रेस की तरफ से जयराम रमेश, गौरव गोगोई, के. सुरेश और प्रमोद तिवारी, समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव, डीएमके से तिरुचि शिवा एवं टीआर. बालू, आप से संजय सिंह और एआईएमआईएम से असदुद्दीन ओवैसी सहित अन्य राजनीतिक दलों से भी कई नेता बैठक में शामिल हुए। संसद का बजट सत्र 22 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान दोनों सदनों की 16-16 बैठकें होंगी। पहले दिन सोमवार को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा। दूसरे दिन 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट लोकसभा में पेश करेंगी।