नई दिल्ली
संसद के बजट सत्र से पहले रविवार को दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसद शामिल हुए। बैठक में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने चार मुद्दे उठाए। एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में बिहार, आंध्र प्रदेश और ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई गई। इसके अलावा यूपी में कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाली दुकानों के बाहर नेम प्लेट लगाने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई।
ओवैसी ने कहा कि बैठक में मैंने कहा कि अर्बन एरिया में इंफ्रास्ट्रकचर खत्म हो रहा है, उस पर बहस हो। डिफेंस की मिनिस्ट्री पर बहस हो क्योंकि चीन के साथ बहुत बड़ा मसला चल रहा है, तीसरा मिनिस्ट्री ऑफ माइनॉरिटी अफेयर्स था और चौथी बात हमने ये कही है कि यूपी में कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले दुकानों को लेकर जो नियम निकाला गया है, वह संविधान के खिलाफ है।
उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई सरकार संविधान के खिलाफ आदेश पारित करती है, तो भारत सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। यह आदेश अनुच्छेद 17 का उल्लंघन है, छुआछूत को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह जीवन के अधिकार के खिलाफ है, सरकार का आदेश आजीविका के खिलाफ है। इस तरह के आदेश समाज में नफरत को बढ़ावा देते हैं। ये नफरत की निशानी हैं।
बता दें कि संसद के बजट सत्र से पहले सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्षी दलों को नसीहत देते हुए कहा कि पिछले सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी दलों ने जो हंगामा और व्यवधान किया था, वह संसदीय परंपरा के लिए उचित नहीं था। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सर्वदलीय बैठक के समापन के बाद बताया कि संसद को सुचारू ढंग से चलाना सरकार के साथ-साथ विपक्ष की भी जिम्मेदारी है। बैठक में विशेष राज्य का दर्जा, नीट, 'नेम प्लेट' के आदेश पर भी प्रतिनिधियों ने अपनी-अपनी बातें रखी। 22 जुलाई को सदन में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा और 23 जुलाई को आम केंद्रीय बजट पेश किया जाएगा।