बाराबंकी
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के चर्चित कथित अश्लील वीडियो कांड में बीजेपी (BJP) सांसद उपेंद्र सिंह रावत को बड़ी राहत मिली है। फॉरेंसिक जांच आई रिपोर्ट में बताया गया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक इस्तेमाल से इनकार नहीं किया जा सकता है। एसपी दिनेश कुमार सिंह ने बताया है कि काफी प्रयासों के बावजूद मूल वीडियो नहीं मिल सका है। फिलहाल मुकदमे में जांच गतिमान है।
दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान 2 मार्च को बीजेपी के टिकट घोषित करने के दूसरे दिन सोशल मीडिया में एक के बाद एक कई अश्लील वीडियो वायरल हुए थे। वीडियो में दिख रहे शख्स को बाराबंकी बीजेपी सांसद उपेंद्र सिंह रावत बताया गया था। सांसद के निजी सचिव दिनेश चंद्र रावत ने मामले में तहरीर देकर 3 मार्च को शिकायत दर्ज कराई थी।
अश्लील वीडियो समाने आने पर काटा गया टिकट
लोकसभा का टिकट मिलने के दूसरे दिन प्रसारित वीडियो भाजपा के शीर्ष नेताओं तक पहुंचा और इन्हे दिल्ली तलब किया गया था। लोकसभा चुनाव के माहौल के चलते यह वीडियो पूरे देश में चर्चा का विषय बना रहा। हाईकमान के निर्देश पर सांसद उपेंद्र रावत ने निर्दोष साबित होने तक सार्वजिक जीवन में चुनाव न लड़ने का ऐलान किया था।
फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट से सांसद को राहत
पुलिस के द्वारा सांसद की कथित अश्लील वीडियो परीक्षण के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला महानगर लखनऊ भेजी गई थी। रविवार को आई फेरेंसिक रिपोर्ट में बताया कि वीडियो में वीडियो के विश्लेषण से प्रथम दृष्टया वायरल वीडियो के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक के उपयोग से तैयार किए जाने से इनकार नहीं किया जा सकता।
वायरल वीडियो की सटीक जानकारी मूल क्लिप (वीडियो) प्राप्त किए बिना, किया जाना संभव नहीं है। एसपी दिनेश सिंह ने बताया कि मूल क्लिप (वीडियो रिकॉर्डिंग) प्राप्त करने का हर संभव प्रयास किया गया है परंतु मूल वीडियो का पता नहीं चल सका है। दर्ज मुकदमे की जांच आगे गतिमान है।