इंदौर.
मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से बड़ी खबर है. यहां लोकसभा चुनाव में रिकॉर्ड मतों से जीतने वाले सांसद शंकर लालवानी के सामने बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है. दरअसल, लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी रहे धर्मेंद्र सिंह झाला लालवानी के निर्वाचन को लेकर हाईकोर्ट पहुंच गए हैं. उन्होंने हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में कहा है कि जिस दिन लोकसभा चुनाव से नाम वापसी होनी थी, उस दिन मैं निर्वाचन कार्यालय गया ही नहीं. लेकिन, किसी अंजान शख्स ने उनके फर्जी साइन किए और उनका नाम वापस ले लिया. उनका आरोप है कि उन्होंने कलेक्टर कार्यालय से नाम वापसी के दिन की रिकॉर्डिंग मांगी, लेकिन वो नहीं दी गई.
बता दें, इन दिनों सांसद शंकर लालवानी लगातार चर्चा में हैं. कुछ दिनों पहले ही उनसे जुड़ा एक मामला वायरल हो गया था. दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 में देश में सबसे अधिक मतों से जीतने पर उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की ओर से सेटिफिकेट दिया गया था. इसमें 18 जुलाई को उनका ब्रिटिश पार्लियामेंट में सम्मान करने की बात भी लिखी गई थी, लेकिन उस दिन लालवानी इंदौर में ही घूम रहे थे. अब इस मामले में कांग्रेस ने लालवानी से शहर और देश की जनता से माफी मांगने को कहा है.
इंदौर के नंदा नगर में निकला ऑफिस
कांग्रेस नेताओं ने जब नोटा का रिकॉर्ड बनाने के लिए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन को ई मेल किया तो रिप्लाई में संतोष शुक्ला नाम के एक शख्स का मोबाइल नंबर मिला. उससे बात करने पर पता चला कि वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स का ऑफिस इंदौर के नंदा नगर में है.
लालवानी की रिकॉर्ड जीत
लोकसभा चुनाव में शंकर लालवानी को 12 लाख 26 हजार 751 वोट प्राप्त हुए. जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी बसपा के संजय सोलंकी को 51 हजार 659 वोट मिले. शंकर लालवानी ने 11 लाख 75 हजार 92 मतों से देश में सर्वाधिक वोटों से चुनाव जीत लिया.