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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के बजट भाषण में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा दिया

नोएडा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के बजट भाषण में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। एक तरफ स्पेशल क्रेडिट प्रोग्राम की घोषणा कर कर्ज के बोझ से लड़खड़ा रहे एमएसएमई सेक्टर को पटरी पर लाने का प्रयास किया गया है। दूसरी तरफ मुद्रा लोन की सीमा बढ़ाकर छोटे कारोबारियों का मनोबल बढ़ाया गया है।

बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन नोएडा के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह नाहटा ने कहा कि बजट भाषण में की गई घोषणाएं धरातल पर उतरेंगी तो निश्चित तौर पर एमएसएमई सेक्टर को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। एमएसएमई सेक्टर भारत की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। अमूमन देखने में आता है कि बजट में कई लोक-लुभावन घोषणाएं की जाती हैं, लेकिन जानकारी के अभाव और जटिल प्रक्रियाओं के कारण इन घोषणाओं का लाभ उद्यमियों को नहीं मिल पाता है। बजट में की गई घोषणाओं से छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत देने की घोषणा की गई है, लेकिन इसके लिए सरकार को बैंकों से मिलने वाले सहयोग को सुनिश्चित करना होगा।

उन्होंने कहा कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कुल मिलाकर 25 से 30 हजार एमएसएमई यूनिट हैं, लगभग हर उद्यमी बैंकों से लोन लेकर अपना व्यवसाय चलाता है। ऐसे में नए बजट में गारंटी फंड का नया प्रावधान किया गया है, इसमें उद्योग चलाने के लिए 100 करोड़ रुपये तक की गारंटी मिल सकेगी। इस योजना से एमएसएमई को लोन लेने में जोखिम कम होगा, इससे आर्थिक संकट से जूझने वाले उद्यमियों का मनोबल बढ़ेगा। मुश्किल दौर से गुजर रहे एमएसएमई सेक्टर को आर्थिक संकट के बीच सरकार की नई व्यवस्था से मजबूती से टिके रहने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) की छोटे उद्योग समूह तक पहुंच बढ़ाने का फैसला लघु उद्योगों के लिए काफी कारगर साबित होगा। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 'एक जनपद, एक उत्पाद' (ओडीओपी) योजना के अंतर्गत गारमेंट उद्योग से पहचान मिली हुई है। इसके अलावा भी यहां अन्य श्रेणी के छोटे उद्योग अच्छा कार्य कर रहे हैं। बजट में निजी कंपनियों के साथ मिलकर ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र बनाने की घोषणा की गई है, जो छोटे उद्योगों को देश-विदेश में अपने कार्यकुशलता दिखाने का मौका देगी।

उन्होंने बताया कि एमएसएमई सेक्टर में कुशल श्रमिकों का काफी संकट है। इस बार बजट में केंद्र प्रायोजित योजना के तहत कौशल विकास पर फोकस किया गया है, इसमें पांच साल में 20 लाख युवाओं को कुशल बनाने पर जोर दिया जाएगा। बजट में नई टैक्स रिजीम चुनने वालों के लिए अब 7.75 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री हो गई है। उन्हें 17.5 हजार रुपए का फायदा हुआ है। पहली नौकरी वाले जिनकी सैलरी एक लाख रुपए से कम होगी, उन्हें सरकार अधिकतम 15 हजार रुपए तीन किश्तों में देगी। सरकार की यह पहल रोजगार को बढ़ावा देने वाली है।

उन्होंने आगे कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में एमएसएमई सेक्टर का बहुत बड़ा योगदान है। इस बार बजट में सोना-चांदी पर कस्टम ड्यूटी घटाने का सकारात्मक असर उद्योगों पर पड़ेगा। बिजली के उपकरणों में लगने वाले सिल्वर कांटेक्ट पर सोने-चांदी की प्लेटिंग होती है। इसके अलावा अन्य भी कई कंपोनेंट में सोना-चांदी उपयोग में किया जाता है। पीएम आवास योजना के तहत एक करोड़ घर बनाने का ऐलान किया गया है, इससे शहरी क्षेत्र में उद्योगों में काम करने वाले श्रमिकों के आवास की अड़चन दूर होने की उम्मीद है। इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 11 लाख करोड़ से ज्यादा का प्रावधान इस बार किया गया है, जो औद्योगिक विकास में भी काफी सहायक साबित होगा।

उन्होंने यह भी बताया कि टीडीएस देरी से जमा होने को अपराध की श्रेणी से बाहर रखा गया है, यह स्वागत योग्य कदम है। जबकि, कैपिटल गेन टैक्स को 20 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत किया गया है, इससे उद्योगों को बड़ी राहत मिलेगी। कस्टम ड्यूटी को कम करके कई अन्य उपकरणों को सस्ता किया गया है। आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 के अनुसार, एमएसएमई सेक्टर देश की कुल आय (जीडीपी) का 30 प्रतिशत, उत्पादन का 45 प्रतिशत और 11 करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं। लेकिन, इन उद्यमों के सामने कई चुनौतियां हैं। इन पर बहुत सारे नियम लागू होते हैं और कागजी कार्यवाही भी ज्यादा होती है। साथ ही, इन उद्यमों को समय पर और कम ब्याज पर पैसा मिलना भी एक बड़ी समस्या है।

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