सरकार का स्टार्टअप में निवेश पर एंजल कर खत्म करने का प्रस्ताव
सरकार जीएसटी कर ढांचे को अधिक सरल, युक्तिसंगत बनाएगी: सीतारमण
सरकार तीन रोजगार-संबंधी योजनाएं शुरू करेगी: वित्त मंत्री
नई दिल्ली
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्टार्टअप्स में सभी वर्ग के निवेशकों के लिए ‘एंजल’ कर समाप्त करने की घोषणा की।
अपने बजट भाषण में उन्होंने ई-कॉमर्स कंपनियों तथा दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के संदर्भ में कुछ वित्तीय साधनों के लिए कर दरों में विभिन्न बदलावों की भी घोषणा की।
वित्त मंत्री ने कहा, “सबसे पहले, भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने, उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा देने और नवाचार का समर्थन करने के लिए मैं सभी वर्गों के निवेशकों के लिए तथाकथित एंजल कर को समाप्त करने का प्रस्ताव करती हूं।”
एंजल कर को हटाने से स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, क्योंकि इससे उनके लिए अधिक अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
सीतारमण ने अनिश्चितता और विवादों को कम करने के लिए पुनः खोलने और पुनर्मूल्यांकन के लिए आयकर प्रावधानों को पूरी तरह सरल बनाने का भी प्रस्ताव रखा।
उन्होंने कहा, “यदि छूटी हुई आय 50 लाख रुपये या उससे अधिक है तो इसके बाद कर निर्धारण वर्ष की समाप्ति से तीन वर्ष के बाद पुनः खोला जा सकेगा। यह समय कर निर्धारण वर्ष की समाप्ति से अधिकतम पांच वर्ष की अवधि तक रहेगा।”
वित्त मंत्री ने कहा, “यहां तक कि तलाशी के मामलों में भी तलाशी के वर्ष से पहले छह वर्ष की समय सीमा प्रस्तावित की गई है। जबकि वर्तमान में 10 वर्ष की समय सीमा है। इससे कर-अनिश्चितता और विवादों में कमी आएगी।”
उन्होंने कहा कि वित्तीय और गैर-वित्तीय परिसंपत्तियों पर दीर्घकालिक लाभ पर 12.5 प्रतिशत की कर दर लागू होगी, जबकि ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए टीडीएस दर एक प्रतिशत से घटाकर 0.1 प्रतिशत कर दी जाएगी।
सरकार जीएसटी कर ढांचे को अधिक सरल, युक्तिसंगत बनाएगी: सीतारमण
सरकार जीएसटी (माल एवं सेवा कर) को अधिक सरल और युक्तिसंगत बनाने का प्रयास करेगी। यह एक ऐसा कदम है जो कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
सरकार ने सीमा शुल्क दरों को युक्तिसंगत बनाने का भी प्रस्ताव रखा।
मंत्री ने कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली तीन और दवाओं पर सीमा शुल्क छूट की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि जीएसटी ने आम आदमी पर कर का बोझ कम किया है और उद्योग के लिए लॉजिस्टिक लागत कम की है।
सरकार तीन रोजगार-संबंधी योजनाएं शुरू करेगी: वित्त मंत्री
सरकार ने कहा कि वह रोजगार से जुड़ी तीन योजनाएं शुरू करेगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि ये योजनाएं कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में नामांकन पर आधारित होंगी।
पहली योजना के तहत सभी क्षेत्रों में कार्यबल में प्रवेश करने वालों को एक महीने का वेतन प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि दूसरी योजना में पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों के रोजगार से जुड़े विनिर्माण क्षेत्र में अतिरिक्त रोजगार को प्रोत्साहित करेगी।
वित्त मंत्री ने कहा, “रोजगार के पहले चार वर्षों में ईपीएफओ अंशदान के संबंध में कर्मचारी और नियोक्ता को सीधे निर्दिष्ट पैमाने पर प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। इस योजना से 30 लाख युवाओं और उनके नियोक्ताओं को लाभ मिलने की उम्मीद है।”
सीतारमण ने कहा कि तीसरी योजना के तहत सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार को लिया जाएगा।
उन्होंने कहा, “एक लाख रुपये तक मासिक वेतन के अंतर्गत सभी अतिरिक्त रोजगार को गिना जाएगा।”
सीतारमण ने कहा कि सरकार प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए ईएफपीओ अंशदान के रूप में नियोक्ताओं को दो वर्षों तक 3,000 रुपये प्रतिमाह तक की राशि प्रतिपूर्ति करेगी।
मंत्री ने यह भी घोषणा की कि कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए देश में कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास स्थापित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार जलवायु-अनुकूल बीज विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र, क्षेत्र विशेषज्ञों और अन्य को धन मुहैया कराएगी।