मुंबई
सुबह-सुबह हमारे दिन की शुरुआत जिस चीज से होती है, वो है टूथपेस्ट. टूथपेस्ट हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में एक अहम भूमिका निभाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि टूथपेस्ट का इतिहास कितना पुराना है?
मिस्र के लोगों ने करीब 5 हजार साल पहले अपने दांतों को साफ रखने के लिए एक पेस्ट का इस्तेमाल करना शुरू किया था. हालांकि, उस समय इसे टूथपेस्ट के नाम से नहीं जाना जाता था. इसके बाद यूनानी और रोमन सभ्यताओं ने भी इसी तरह के पेस्ट का उपयोग किया. अगर भारत और चीन की बात करें तो यहां के लोगों ने पहली बार 500 ईसा पूर्व के आसपास टूथपेस्ट का इस्तेमाल करना शुरू किया.
आधुनिक टूथपेस्ट में कई तरह के केमिकल्स का इस्तेमाल होता है जो हमारे दांतों की देखभाल करते हैं. जैसे इसमें मिला ऐब्रसिव्स, फ्लोराइड्स, डिटर्जेंट्स और ह्यूमेक्टेंट्स हमारे दांतों से प्लाक और मलबे को हटाने में मदद करते हैं. फ्लोराइड दांतों के इनेमल को मजबूत करता है और कैविटी को रोकता है. वहीं, डिटर्जेंट टूथपेस्ट में झाग लाने का काम करता है.
आजकल के टूथपेस्ट में फ्लेवरिंग एजेंट, एंटीबैक्टीरियल एजेंट, और प्राकृतिक तत्व भी मिलाए जाते हैं, जैसे बेकिंग सोडा और हर्बल अर्क, जो दांतों की सफाई में सहायक होते हैं. हालांकि कुछ घटनाओं के बाद इस बात पर बहस छिड़ गई कि क्या हमारे टूथपेस्ट में नॉनवेज सामग्री मिलाई जाती है?
हालांकि डेंन्टिस्ट के मुताबिक दांतों को कैविटी से बचाने के लिए किसी नॉनवेज इंग्रीडिएंट की जरूरत नहीं होती. टूथपेस्ट में फ्लोराइड, ऐब्रसिव्स (जैसे कैल्शियम कार्बोनेट या सिलिका) और ह्यूमेक्टेंट्स (जैसे ग्लिसरीन) जैसे इंग्रीडिएंट्स पर्याप्त होते हैं. फ्लोराइड दांतों के इनेमल को मजबूत करने में सहायक होता है और कैविटी को रोकने में मदद करता है. जबकि ऐब्रसिव्स और ह्यूमेक्टेंट्स प्लाक और मलबे को हटाने में मदद करते हैं. फिर भी इसे जांचने का कई तरीका है.
टूथपेस्ट में नॉनवेज इंग्रीडिएंट की पहचान कैसे करें?
भारत में उपभोक्ताओं के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि उनके द्वारा उपयोग किया जाने वाला टूथपेस्ट वेजिटेरियन (वेज) है या नॉनवेजिटेरियन (नॉनवेज). भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने इस संबंध में कुछ स्पष्ट नियम और दिशा-निर्देश बनाए हैं, जिससे उपभोक्ताओं को सही जानकारी मिल सके. आइए जानते हैं कि कैसे पहचानें आपका टूथपेस्ट वेज है या नॉनवेज.
नई दिल्ली के पीतमपुरा स्थित गुलाटी डेंटल क्लीनिक के डेंटिस्ट डॉ. वैभव गुलाटी के मुताबिक आमतौर पर टूथपेस्ट वेज होता है. यह कहना बहुत मुश्किल है कि टूथपेस्ट में नॉन वेज होता है या नहीं. दांतों को साफ और हेल्दी रखने के लिए फ्लोराइड मेडिकेटेड टूथपेस्ट इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है. इस तरह के टूथपेस्ट में एंटी कैविटी प्रॉपर्टी होती हैं और इनका इस्तेमाल करने से कैविटी का जोखिम कम हो सकता है. टूथपेस्ट में कई जरूरी केमिकल्स मिलाए जाते हैं और कई टूथपेस्ट हर्बल होते हैं. बाजार में तमाम तरह के टूथपेस्ट मिलते हैं और लोग अपनी मर्जी के अनुसार टूथपेस्ट इस्तेमाल करते हैं. डॉक्टर भी लोगों की ओरल हेल्थ को देखते हुए टूथपेस्ट रिकमेंड करते हैं.
पैकेजिंग पर निशान देखें
FSSAI के नियमों के अनुसार, सभी खाद्य और व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों पर स्पष्ट लेबलिंग होना आवश्यक है. टूथपेस्ट के मामले में:
हरा बिंदु: यह वेजिटेरियन उत्पाद का संकेत है.
भूरा त्रिकोण: यह नॉनवेजिटेरियन उत्पाद का संकेत है.
सामग्री की सूची पढ़ें
टूथपेस्ट के पैकेज पर लिखी गई सामग्री को ध्यान से पढ़ें. कुछ सामान्य नॉनवेज सामग्री जो टूथपेस्ट में हो सकती हैं:
ग्लीसरीन: अगर यह जानवरों की चर्बी से बनी हो.
कैल्शियम फॉस्फेट: जो हड्डियों से प्राप्त होती है.
कुछ एंजाइम्स: जो जानवरों से प्राप्त हो सकते हैं.
निर्माता की वेबसाइट पर जाएं
कई ब्रांड्स अपनी वेबसाइट पर अपने उत्पादों और उनकी सामग्री के बारे में विस्तृत जानकारी देते हैं. यह जानकारी आपको यह जानने में मदद कर सकती है कि आपका टूथपेस्ट वेज है या नॉनवेज.
ग्राहक सेवा से संपर्क करें
अगर पैकेजिंग और वेबसाइट पर्याप्त जानकारी नहीं देते हैं तो आप ब्रांड की ग्राहक सेवा से संपर्क कर सकते हैं. वे आपको सवालों के जवाब देने में मदद कर सकते हैं.
क्या कहता है FSSAI के दिशानिर्देश
FSSAI ने उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए स्पष्ट लेबलिंग को अनिवार्य किया है. इसके तहत, सभी उत्पादों पर वेज और नॉनवेज का स्पष्ट संकेत होना चाहिए. अधिक जानकारी के लिए, आप FSSAI के आधिकारिक दस्तावेजों का संदर्भ ले सकते हैं:
इन सरल तरीकों से आप यह पहचान सकते हैं कि आपका टूथपेस्ट वेज है या नॉनवेज, और इस प्रकार आप अपने धार्मिक और नैतिक मूल्यों के अनुसार सही उत्पाद का चयन कर सकते हैं.